मुख्यमंत्री का चेहरा हाईकमान नहीं पंजाब के लोग तय करेंगेः नवजोत सिंह सिद्धू - Punjab Kesari
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मुख्यमंत्री का चेहरा हाईकमान नहीं पंजाब के लोग तय करेंगेः नवजोत सिंह सिद्धू

कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते हुए नजर

कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के चुनाव मेनिफेस्टो से पहले सिद्धू ने चंडीगढ़ में अपना पंजाब मॉडल लांच कर दिया। सिद्धू के पंजाब मॉडल वाले पोस्टर से सीएम चरणजीत चन्नी की फोटो गायब रही। इसके साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि, पंजाब में सीएम का चेहरा कौन होगा, इसका फैसला पंजाब के लोग करेंगे।
सिद्धू ने कहा कि विधायक भी 5 साल पहले पंजाब के लोगों ने ही बनाए थे और फिर उनसे ही सीएम चुना गया। इस बार भी पंजाब के लोगों को ही तय करना है कि विधायक बनेंगे या नहीं। यह तभी होगा, जब कोई अजेंडा होगा। इसलिए आप किसी भ्रम में न रहें। पंजाब के लोगों को ही विधायक बनाने हैं और उन्हें ही सीएम बनाने हैं।
कई मौकों पर आमने-सामने दिखे चन्नी और सिद्धू
सिद्धू लगातार विभिन्न मुद्दों पर अमरिंदर सरकार पर हमले करते रहे। वह चन्नी के साथ भी सहज नहीं रहे हैं और नई सरकार के मुखर आलोचक के रूप में उभरे हैं। सिद्धू महाधिवक्ता ए.पी.एस. देओल के साथ पिछले साल नवंबर में डीएस पटवालिया और दिसंबर में राज्य के डीजीपी आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय सहोता की नियुक्ति को लेकर मुखर हुए। पंजाब और कांग्रेस के सियासी हलकों में यह चर्चा आम है कि सिद्धू मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा रखते हैं।
सीएम कैंडिडेट पर क्या है कांग्रेस की राय?
सिद्धू के दबाव में कांग्रेस ने अब तक चन्नी को आगामी चुनाव में पार्टी के सीएम चेहरे के रूप में पेश करने से परहेज किया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। फिर भी सिद्धू आलाकमान पर उन्हें सीएम उम्मीदवार घोषित करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि सिद्धू की किसी भी तरह की पदोन्नति दलितों और उच्च जाति हिंदुओं दोनों के बीच पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
पंजाब के लिए सिद्धू पेश कर रहे हैं अपना विकास मॉडल
इस बीच सिद्धू पंजाब के लिए अपना खुद का विकास मॉडल लोगों के सामने पेश कर रहे हैं। प्रताप बाजवा के नेतृत्व वाली घोषणापत्र समिति अभी भी मसौदे पर काम कर रही है। जहां तक ​​चुनाव की बात है तो सिद्धू को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर पूर्व में कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। जाहिर तौर पर ज्यादातर कांग्रेस नेता चाहते हैं कि वह वहां की लड़ाई हार जाएं। अमृतसर पूर्व के निवासी अक्सर उनकी अनुपलब्धता की शिकायत करते हैं। इससे पहले सिद्धू की पत्नी यहीं से विधायक थीं।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।