चंगालीवाला मामला : लोगों के आक्रोश के आगे झुकी सरकार, छोटे कैप्टन की कोशिश रंग लाई, सख्त सुरक्षा बंदोबस्त के तहत दलित जगमेल सिंह का हुआ अंतिम संस्कार - Punjab Kesari
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चंगालीवाला मामला : लोगों के आक्रोश के आगे झुकी सरकार, छोटे कैप्टन की कोशिश रंग लाई, सख्त सुरक्षा बंदोबस्त के तहत दलित जगमेल सिंह का हुआ अंतिम संस्कार

पंजाब के संगरूर इलाके में स्थित गांव चंगीवाल में 37 वर्षीय जगमेल सिंह उर्फ जगगा की मृतक देह

लुधियाना-लहरागगा : पंजाब के संगरूर इलाके में स्थित गांव चंगीवाल में 37 वर्षीय जगमेल सिंह उर्फ जगगा की मृतक देह का पीजीआई चंडीगढ़ में पोस्टमार्टम के उपरांत आज गांव की शमशान घाट पर पहुंचने के उपरांत मृतक के वारिसों, रिश्तेदारों और अलग-अलग जत्थेबंदियों व प्रशासनिक अधिकारियों की मोजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस अवसर पर अलग-अलग मानवीय संगठनों द्वारा गगनचुंबी नारों के बीच जगमेल सिंह को अंतिम विदाई दी गई। 
संस्कार के वक्त पंजाब सरकार के साथ हुई सहमति के मुताबिक 6 लाख रूपए का चैक शिक्षामंत्री विजय इंद्र सिंगला और पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिंद्र कौर भटठल ने परिवार को सौपा और सम्मान के तौर पर मृतक की देह पर दोशाला भी डाला। इस समय डिप्टी कमीश्रर घनश्याम थोरी, एसएसपी संदीप गर्ग, एसडीएम कालाराम कांसल, डीएसपी लहरागगा स. बूटा सिंह गिल, तहसीलदार सुरिंद्र सिंह, राजिंद्र सिंह राजा बीरकलां, सनमीक सिंह हैनरी, ओएसडी रविंद्र सिंह टुरना, पुलिस स्टेशन सदर प्रमुख सतनाम सिंह और सिटी इंचार्ज जगरूप सिंह समेत कई इलाकों के सियासी नेता, सरपंच और पंच भी पहुंचे हुए थे। 
जगमेल सिंह जगगा की मौत के बाद उसके परिवार को 50 लाख रूपए मुआवजा और उसकी विधवा मंजीत कौर को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर शुरू हुए संघर्ष के चौथे दिन बाद मृतक का संस्कार हुआ है। जबकि जगमेल सिंह की मौत के बाद पंजाब में गरमाई जा रही सियासत और अनुसूचित जाति में बढ़ती नाराजगी से डरी पंजाब सरकार ने दाह-संस्कार के बाद राहत की सांस ली। जानकारी के मुताबिक सरकार और पीडि़त परिवार के साथ 8 शर्तो पर संस्कार हुआ है। जबकि संघर्षशील कई संगठन इस समझौते को नामंजूर कर रहे है। 
सोमवार को संगरूर से आप के सांसद भगवंत मान ने लोकसभा में इस मुददे को उठाया था और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विदेशी दौरे पर होने और विपक्ष द्वारा अनुसूचित जाति के शख्स की हत्या पर लगातार घेरने से सरकारस डरी हुई थी। उन्हें डर था कि दलित की मौत से अनूसूचित जाति में पैदा हुआ आक्रोश कही पूरे राज्य में ना फैल जाएं। इसी बीच पीडि़त परिवार से समझौता करवाने में मुख्यमंत्री के विश्वासनीय सलाहकार और राजनीतिक सचिव कैप्टन संदीप सिंह संधू और एससी – बीसी कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोच ने अहम भूमिका निभाई हालांकि पीडि़त परिवार 50 लाख के मुआवजे पर अड़ा था। 
स्मरण रहे कि 7 नवंबर को जगमेल सिंह को गांव के ही दबंगों जिनमें रिंकू, अमरजीत सिंह लक्की और बिंद्र ने मकान के खंभे से बांधकर कई घंटों पीटा था और इसी मारपिटाई के दौरान मृतक के मुंह के अंदर पेशाब करने की अमानवीय कृतियों के साथ उसकी टांगों के मांस को नुक ीले प्लास के साथ खींचा था। हालात बिगडऩे पर उसे पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया, जहां 3 दिन पहले उसकी मौत हो गई। 
हालांकि इसी दौरान सरकार ने पुलिस की लापरवाही की जांच और 7 दिनों में चालान पेश करने का आश्वासन दिया है और यह भी माना है कि मृतक के मकान की मुरम्मत के लिए सवा लाख रूपए अलग से दिए जाएंगे और पीडि़त परिवार के लिए 6 माह का राशन और भोग का समस्त खर्चा सरकार उठाएंगी। मृतक के बच्चे को ग्रजुएशन तक पढ़ाई का खर्चा सरकार देंगी और सरकार पीडि़त को 20 लाख रूपए मुआवजा और पीडि़त की पत्नी को 5वीं पास होने के बावजूद घर के पास ग्रुप डी में सरकारी नौकरी दी जाएंगी।  
– सुनीलराय कामरेड

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