कैप्टन अमरिंदर से ‘ खफा ’ कांग्रेसी विधायकों की तिकड़ी ने दिए इस्तीफे - Punjab Kesari
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कैप्टन अमरिंदर से ‘ खफा ’ कांग्रेसी विधायकों की तिकड़ी ने दिए इस्तीफे

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लुधियाना : 28 मई को होने वाले जालंधर के शाहपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से खफा चल रहे 3 वरिष्ठ कांग्रेसी विधायकों ने सियासी पैंतरा खेलते हुए आज विधानसभा कमेटियों (असेंबली पैनल) से इस्तीफे दे दिए है। लुधियाना के 6 बार विधायक चुने जाने वाले राकेश पांडे जिनका संबंध कटटर कांग्रेसी स्वतंत्रता सेनानी और मंत्री रहे जोगिंदर पाल पांडे के परिवार से है, ने भी अन्य दो के साथ जिनमें अमरीक सिंह ढिल्लों और रणदीप सिंह नाभा शामिल है, ने भी राकेश पांडे का साथ दिया।

विधायकों ने कहा कि वह अखिल भारतीय पार्टी उच्च हाई कमान राहुल गांधी से जल्द ही मिलकर अपनी बात रखेंगे और उनको इस संबंध में फैसला करने की अपील करेंगे। उनका दावा था कि मुख्यमंत्री समेत किसी भी वरिष्ठ पार्टी लीडर ने उनके दर्द को नहीं समझा।

मंत्री न बनाए जाने से खफा तीन कांग्रेस विधायकों राकेश पांडे, अमरीक सिंह ढिल्लों व रणदीप सिंह नाभा ने विधानसभा की कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में 18 मंत्रियों में तीन ऐसे मंत्री हैं जो कि जो पार्टी में नए हैं। छह बार कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले विधायक राकेश पांडे पब्लिक अंडर कमेटी के चेयरमैन थे, जबकि चार बार के विधायक अमरीक ढिल्लो लाइब्रेरी कमेटी के चेयरमैन थे। रणदीप सिंह नाभा इन दोनों ही कमेटी में सदस्य थे। इन विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह को सौंपा। पांडे मंत्रीमंडल के विस्तार के दौरान उनकी वरिष्ठता को दरकिनार किए जाने से रूष्ट बताये जाते है। यहां तक कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड द्वारा भी उनको नजरअंदाज किये जाने से वे रूष्ट है क्योंकि पार्टी स्तर पर भी जानकारी देने के बावजूद सुनील जाखड की ओर से कोई रिस्पांस नहीं दिया गया तथा अब उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है और पार्टी हाइकमान से मिलकर पार्टी पद से भी इस्तीफा दे सकते है।

बताया जा रहा है कि ये विधायक कैबिनेट विस्तार में खुद की उपेक्षा से नाराज हैं। उनका कहना है कि उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया है। कमेटी से इस्तीफा देने वाले विधायक रणदीप सिंह नाभा ने कहा कि पार्टी ने उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किया और उनके काम को ध्यान में नहीं लाया गया। इस बात को लेकर उन्होंने इस्तीफा दिया है।

स्मरण रहे कि उपरोक्त तीनों विधायकों ने अभी पार्टी पदों से इस्तीफा नहीं दिया जबकि शाहकोट उपचुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है। कांग्रेस अब तक इन चुनावों में प्रचार कर रही थी कि रूठों को मना लिया गया है परंतु ऐन वक्त इस्तीफों ने सवाल खड़ा किया है कि कांग्रेस में अभी सबकुछ ठीक ठाक नहीं।

– सुनीलराय कामरेड

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