लुधियाना : लुधियाना नगर निगम के 95 वार्डो में पड़ी वोटों की गिनती का काम खत्म होते ही धड़ाधड़ चुनावी परिणाम आने शुरू हुए तो कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सेना वाले कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे। 9 अलग अलग मतगणना वाले स्थानों से वोटों की गिनती का आज सुबह रूझान शुरूआत से लेकर अंत तक कांग्रेस के पंजे ने अपनी पकड़ बनाई। आखिर परिणाम आने से पहले ही कांग्रेसियों ने लुधियाना की सडक़ों पर होली का जश्र मनाना शुरू कर दिया।
नगर निगम इतिहास में पहली बार स्पष्ट बहुमत के साथ कांग्रेस ने 95 सीटों में 62 सीटों पर कब्जा किया है। जबकि सियासी टक्कर देने का दावा करने वाली अकाली – भाजपा को 11 और 10 सीटों पर ही संतुष्टि करनी पड़ी। हालांकि वह पिछले 15 सालों से निगम पर कब्जा बनाए हुई थी। इसी क्रम में लुधियाना से लोक इंसाफ पार्टी और आम आदमी पार्टी के संयुक्त उम्मीदवारों के पल्ले कुछ अधिक नहीं पड़ा। लुधियानवीयों ने बैंस विधायक ब्रदर्स के नाम से विख्यात जुझारू प्रवृति वाले विधायक भाइ सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंद्र सिंह बैंस द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों का आंकड़ा सिर्फ 7 तक थम गया जबकि आम आदमी पार्टी को 1 सीट पर जीत हासिल करके संतुष्ट रहना पड़ा। हालांकि इन चुनावों में 4 सीटों पर र्निदलीय उम्मीदवारों ने कब्जा बनाया।
मंगलवार को घोषित चुनाव परिणाम शिरोमणि अकाली दल के लिए अमंगलकारी सिद्ध हुए। पंजाब की दिगगज सियासी अकाली पार्टी शिरोमणि अकाली दल लुधियाना शहरी के प्रधान रंजीत सिंह ढिल्लों की बीवी निंदरजीत कौर ढिल्लो और उसके भतीजे सुखदेव सिंह सुक्खा भी अपने रसूख वाले इलाकों से हार गए जबकि महिला अकाली दल की प्रधान बीबी सरिंद्र कौर दयाल की सुपुत्री और जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन जगबीर सिह सोखी को भी हार का मजा चखना पड़ा।
लुधियाना लोकसभा कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिटटू ने इस जीत पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि लुधियाना की जनता ने 2017 विधानसभा चुनावों और फिर गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद पटियाला, जालंधर, अमृतसर नगर निगमों में जीत के बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की नीतियों को पसंद करते हुए समर्थन दिया है। उनका दावा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान लुधियाना के लोग इसी समर्थन को जारी रखकर नरेंद्र मोदी को गददी से उतार देंगे।
हालांकि लुधियाना के नतीजों में वैसी जीत नजर नहीं आई, जैसे पूर्व में तीनों नगर निगमों के नतीजों में कांग्रेस पार्टी को मिली। लुधियाना में कांग्रेस पार्टी के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू जिस प्रकार चुनाव से पूर्व कांग्रेस के खाते में 80 से अधिक सीटों का दावा कर रहे थे, ऐसे में नतीजें आने पर इसका 62 पर ही सिमट जाना बेहद चौकाना वाला है। इस संबंध में एमपी बिट्टू इसके लिए लुधियाना में लिप-आप के गठबंधन को जिममेदार मानते है। बिट्टू का कहना है कि बाकी निगमों में दो तरफा मुकाबला ही था लेकिन लुधियाना में कांग्रेस के सामने अकाली-भाजपा के अलावा लिप-आप भी थी, जिसके कारण नतीजों पर असर पडना स्वाभाविक था। हालांकि कांग्रेस हलके खुद इसके लिए कांग्रेस पार्टी की गुटबंदी को जिममेदार मानते है।
लुधियाना में टिकट आवंटन के समय में कई जगह ऐसे लोगों को टिकट दे दी गई, जिनका वार्ड में भारी विरोध था। इसके कारण अधिक गिनती में आजाद उतरने व अंदरखाते विरोधता ने पार्टी को वहां हार का मुंह देखना पडा है। कुछेक वार्डों में खुद पार्टी विधायक ही अपनी मर्जी के उलट को उममीदवार बनाए जाने के कारण मतदान वाले दिन विरोधी दलों की मदद करते नजर आए।
– सुनीलराय कामरेड
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