बरगाड़ी का इंसाफ मोर्चा 49वें दिन में दाखिल, पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से पहुंच रही है सिख संगत - Punjab Kesari
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बरगाड़ी का इंसाफ मोर्चा 49वें दिन में दाखिल, पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से पहुंच रही है सिख संगत

बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा की उचित मांगों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा एक्शन लिए जाने पर सरबत खालसा

लुधियाना-बरगाड़ी : बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा की उचित मांगों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा एक्शन लिए जाने पर सरबत खालसा के जत्थेदार सिंह साहिबान भाई ध्यान सिंह मंड, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल और जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला ने शुक्रिया कहते हुए उनकी अन्य पंथक मांगों को भी माने जाने के लिए गोहार लगाई है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड द्वारा बरगाड़ी की अनाजमंडी में लगाया गया इंसाफ मोर्चा 49वें दिन पहुंच चुका है।

इस मोर्चे को दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जत्थेदार जगतार सिंह हवारा पूर्ण समर्थन दे रहे है। सिख पंथक आगुओं की मौजूदगी में जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को भाई गुरदीप सिंह खेड़ा की रिहाई और राजस्थान मुख्यमंत्री को भाई हरनेक सिंह बप्पा की पंजाब जेल में परिवर्तन करने के लिए पत्र लिखने पर धन्यवाद किया और कहा कि बाकी मांगों को भी पंजाब सरकार तुरंत मानें और सिख हृदय शांत हो सकेंगे।

यहां उल्लेखनीय है कि टाडा कैदी गुरदीप सिंह खेड़ा के केस को हमदर्दी के आधार पर विचारने के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को कहा है। खेड़ा को 2015 में कर्नाटक की गुलबर्ग जेल से अमृतसर की केंद्रीय जेल में तबदील किया गया था, जो इस वक्त दोहरी उम्र कैद की सजा भुगत रहा है। जबकि गुरदीप सिंह उर्फ दीप बंत सिंह खेड़ा दिल्ली और विदर बम धमाकों के मामले में आरोपी सिद्ध होने के बाद आईपीसी और टाडा एक्ट की अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत पिछले 25 सालों से सजा भुगत रहा है और अब 2015 में चब्बे की धरती पर हुए सरबत खालसा द्वारा नियुक्त जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड और जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने 30 मई से बरगाड़ी में तीन मांगों को लेकर इंसाफ मोर्चा लगाया हुआ है।

इन सबसे बड़ी मांग बरगाड़ी में हुई श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के आरोपियों को पकडऩे के साथ-साथ सजायाफता सिख कैदियों की रिहाई का मामला भी उठाया है। हालांकि धरने को खत्म करने के लिए केबिनेट मंत्री तृप्त इंद्र बाजवा 2 बार बरगाड़ी में कै प्टन अमरेंद्र सिंह के इशारे उपरांत जत्थेदारों से मिलने आ चुके है। किंतु धरना हटाने में वह अभी तक सफल नहीं हुए।

– सुनीलराय कामरेड

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