लुधियाना-कोटकपूरा : जिला फरीदकोट के कस्बा बरगाड़ी के नजदीक गांव बहिबलकलां में 3 साल पहले श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के रोष स्वरूप शांतमयी धरने पर बैठी संगत पर पुलिस द्वारा हुई गोलीकांड के दौरान शहीद होने वाले सिख नौजवान कि शन भगवान सिंह, निवासी बहिबल कलां और गुरजीत सिंह निवासी सरावां गांव के मामले से संबंधित वकील अमित कुमार मितल ने मीडिया को बातचीत के दौरान बताया कि इस मामले से संबंधित मामले में मोके के सरकारी गवाह डॉ जोशी ने कहा कि उक्त दो शख्सों की मौत गोली लगने के कारण हुई है। जिसपर पंजाब पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में रेशम सिंह, महिंद्र सिंह और प्रदीप सिंह की गवाहियां हो चुकी है। केस को चलते हुए डेढ़ साल का वक्त गुजर चुका है, परंतु पंजाब पुलिस द्वारा पता नहीं क्यों अभी तक अदालत में अपना पक्ष पेश नहीं किया जा रहा। उन्होंने बताया कि इस मामले से संबंधित जस्टिस चेतन शर्मा की अदालत ने 31 अगस्त को पुलिस को सख्त चेतावनी देकर आदेश दिया है कि इस मामले में अपना पक्ष किया जाएं।
एडवोकेट मितल ने यह भी बताया कि 14 अक्तूबर 2015 को घटित उक्त घटना के संबंध में वायरल हुई वीडिया क्लीप में सिविल वर्दी से संबंधित पुलिस का एक वरिष्ठ अधिकारी फोन पर किसी जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को कोई आदेश दे रहा है। स्मरण रहे कि 14 अक्तूबर को कोटकपूरा के बतियों वाले चौक में शांतमयी धरने पर सिमरन करती हुई संगत के ऊपर पुलिस ने गंदले पानी की बौछार, अश्रु गैस के गोले, लाठीचार्ज और गोलियों की बौछार कर दी थी। जिसमें 2 नौजवानों की मौत के साथ-साथ 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।
इस दौरान दर्जनों से अधिक सरकारी और गैर सरकारी वाहनों का नुकसान भी हुआ था। एडवोकेट मितल के मुताबिक इस मामले से जुड़े कई पुलिस अधिकारी सेवानिवृत हो चुके है और कई डरकर विदेश में जा बसे है। एडवोकेट मितल ने बरगाड़ी में 26 दिनों से इंसाफ के लिए धरने पर बैठे आगुओं से अपील की है कि अगर बेअदबी कांड से संबंधित इंसाफ नहीं मिलता, तो वे अदालत में पुलिस के विरूद्ध 156-2 के अंतर्गत अपने बयान दर्ज करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में कई पुलिस अधिकारियों को केस ना लडऩे की धमकियां दी जा रही है परंतु इंसाफ प्राप्ति के लिए वह किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटेंगे।
– सुनीलराय कामरेड
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