बेनामी संपत्ति मामला : करोड़पति निगम क्लर्क वेतन 33 हजार, खर्चे 5 साल में ढाई करोड़ - Punjab Kesari
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बेनामी संपत्ति मामला : करोड़पति निगम क्लर्क वेतन 33 हजार, खर्चे 5 साल में ढाई करोड़

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लुधियाना- बठिंडा : सरकारी कर्मचारी अपनी सेवाओं के बदले किस प्रकार करोड़ों की कमाई करते है, इसका स्पष्ट प्रमाण उस वक्त मिला जब लुधियाना के नगर-निगम में तैनात क्लर्क के करोड़पति होने का मामला सामने आया। इसी तफतीश के दौरान विजीलेंस ब्यूरो ने पहले बठिंडा नगर निगम में तो अब लुधियाना निगम कार्यालय में तैनात क्लर्क रविंदर सिंह वालिया पर करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। बीते दिन देर शाम को दर्ज किए इस मामले के बाद से आरोपित वालिया फरार है। आरोपित वालिया पर वर्ष 2016 में चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी मारने का मामला भी दर्ज है।

ब्यूरो ने वालिया के खिलाफ 2015 में एक शिकायत पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की तफ्तीश शुरू की थी। पड़ताल के दौरान उसका खर्च उसकी आय से फीसद अधिक पाया गया। विजिलेंस ने वर्ष 2011 से लेकर 2016 तक की आय और खर्च की पड़ताल की है। इस दौरान उसने अपनी आय से 1,39,81,925 रुपये अधिक खर्च किए हैं। यह राशि उसके पास कहां से आई, इसका उसने कोई विवरण नहीं दिया।

विजिलेंस की ओर से तैयार किए चार्ट के अनुसार उक्त अवधि के दौरान उसे 1,07,36,578 रुपये की आय हुई है, जबकि उसने चल-अचल संपत्ति बनाने पर 2,47,18,503 रुपये खर्च किए हैं। इसमें 18.22 लाख की चल और 2.27 करोड़ रुपये अचल जायदाद की खरीद की है। बठिंडा में 45 लाख का उसने अपने ससुर के नाम पर प्लॉट खरीदा। जिस पर 74.62 लाख रुपये खर्च कर कोठी का निर्माण किया। इस समय उसकी सेलरी 35 हजार से 40 हजार रुपये के बीच बताई जा रही है।

बताया जाता है कि आरोपित वालिया शाही ठाठ बाठ के साथ रहता था। वह महंगी कारों व महंगे मोबाइलों का शौकीन भी रहा है। क्लर्क होते हुए भी वह स्थानीय निगम कार्यालय में लाखों रुपये की महंगी गाड़ी में पहुंचता था। वह तीन वर्ष तक निगम में छुट्टी पर भी रहा। उसकी यह छुट्टी विवादों भरी रही है। निगम ने इस मामले में उसकी अनुशासहीनता पाए जाने पर उसे निलंबित करने की सिफारिश भी कर दी थी। लेकिन, 6 सितंबर 17 को हुई नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में उसके प्रभाव के कारण उसे क्लीन चिट दे दी गई। इसके बाद उसने फिर से नौकरी ज्वाइन कर ली थी। लेकिन, इसके कुछ समय बाद ही उसका लुधियाना में तबादला कर दिया हो गया था। इस बीच उसे लेखाकार की पदोन्नति भी मिली।

गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
एसपी विजीलेंस भूपिंदर सिंह ने बताया कि आरोपित फरार है। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। चिटफंड के जरिये ठगी का पहले भी केस दर्ज1 रविंदर पर क्राउन चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों से ठगी मारने के पहले भी आरोप लग चुके हैं। इसके आधार पर कंपनी के अन्य अधिकारियों के साथ साथ रविंदर सिंह वालिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस अवधि के दौरान वह नगर निगम से गायब भी रहा है। उसे निलंबित करने की भी सिफारिश हुई थी। ठगी का यह मामला अभी बठिंडा की अदालत में विचाराधीन है।

– सुनीलराय कामरेड

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