लुधियाना : लुधियाना से करीब 32 किलोमीटर दूर रायकोट सडक़ पर स्थित जिले के कस्बा हलवारा में वीरवार की सुबह आम दिनों की भांति ही थी और कुछ दिनों से बदले हुए मौसम से वातावरण हवा चलने से ठंडक सी पैदा हो चुकी थी। लेकिन जैसे ही यहां भारतीय वायु सेना के सबसे पुराने एयर फोर्स स्टेशन के ऊपर से युद्धक विमानों ने तेजी से निकलना शुरू किया, एकाएक मौसम में ठंडक पैदा कर रहे बादल छंट गए और वातावरण में गर्माहट पैदा होती गई। यही नहीं जब बादलों के चीरते हुए देश की गरिमा से ओत-प्रोत फाइटर विमानों सूर्या किरण को वायु सेना प्रहरियों ने तेजी से निकाला तो जैसे सूर्य देव भी इनके शौर्य को देखकर जोश में भर गए और अपनी लालिमा को और बढा दिया। इस दौरान ऐसे लगा जैसे फाइटर विमानों सूर्य किरण व उसके बाद हैरतअंगेज करतब दिखा रहे सुखाई -30 युद्धक विमान ने अपनी शौर्य, अदमय साहस व वीरता का प्रदर्शन करके आज आसमां को भी झुकने को मजबूर दिया।
मौका था हलवारा एयर फोर्स स्टेशन में भारतीय वायु सेना की 51 स्क्वाड्रन व 230 सिगनल यूनिट को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्वारा प्रैजिडेंट स्टैंडर्ड अवार्ड व कलर अवार्ड से सम्मानित करने के उपरांत एयर शो का। जिसे देखकर राष्ट्रपति सहित उपस्थित सेना अधिकारी व गणमान्य सिविलियन दंग रह गया। एयर शो में सबसे पहले वायु सेना के तीन हैलीकाप्टरों व सुखायी युद्धक विमान ने प्रैजिडेंट को सैल्यूट किया। इस मौके पर वायुसेना के रणबांकुरों ने एक से बढक़र एक करतब दिखाए। विदर्भ से आई सूर्य किरण टीम के नौ विमानों ने हवा में गोते लगते हुए हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। इन विमानों ने ऐसे गोते लगाए जैसे वे खिलौने हों। सुखोई विमानों का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर वायुसेना कर्मियों ने शानदार मार्चपास्ट और परेड का प्रदर्शन किया।
शो के दौरान उपस्थिति उस समय अविश्वसनीय स्थिति में पहुंचने को मजबूर हो गई जब सुखायी ने हवा में अलग अलग करतबाजियां दिखाई तथा हवा में ही जहंा कई बार पलटियां खाईं, वहीं कई फीट उपर विमान को ले जाकर हवा में ही जैसे खडा कर दिया। जब विमान को जमीन से बेहद ही करीब स्थिति में लाकर पहले तेजी से और फिर धीमी गति से निकाला गया तो वहां उपस्थिति के रग-रग में जोश भर गया तथा विमान की शोर करने वाली आवाज भी संगीतमयी धुनों पर हरेक को जैसे डांस करने को मजबूर करने लगी।
इन करतबों को देखकर होई उत्साह व जोश के नए अनुभव से संचारित हुआ दिखा तथा उनकी आंखें युद्धक विमानों के विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन को देखकर चमकने लगी और चेहरे पर भी अलग आभा उभर आई। समारोह में ड्रिल टीम के अद्भुत प्रदर्शन के दौरान टीम के आपसी समन्वय को देखकर हर कोई वाह-वाह करने को मजबूर हो उठा तथा ताडियों की गडगडाहट से पूरा मैदान गूूंज उठा। राष्ट्रपति के समक्ष परेड के गुजरने के बाद जब जवानों ने भारत माता की जय के जयघोष लगाए तो पूरा वातावरण देश भक्ति से ओत प्रोत हो गया।
– सुनीलराय कामरेड
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