तनाव और हिंसा के बाद पंजाब में पटरी पर लौटी जिंदगी - Punjab Kesari
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तनाव और हिंसा के बाद पंजाब में पटरी पर लौटी जिंदगी

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लुधियना : पंजाब में चार दिनों की दहशत और तनाव के बीच पनपी हिंसा के मद्दैनजर आज मंगलवार को एक बार फिर रौनकें लौट आई। सूबे में दिन का कफर्यू हटाने की घोषणा के साथ सडकों पर पसरा सन्नाटा खत्म है। जानकारी के अनुसार लुधियाना, जालंधर, पटियाला और गुरू की नगरी श्री अमृतसर साहिब सहित भारत-पाक सीमावर्ती जिले फिरोजपुर्र, फाजिल्का, गुरदासपुर व तरनतारन में भी हालात सामान्य व जनजीवन रोजमर्रा की भांति पटरी पर आता दिखाई दिया।

उधर, पंजाब के मालवा इलाकों में भटिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, मलौट, लहरागागा, व संगरूर में भी हालत काबू में है। पडोसा राज्य हरियाणा की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने सूबे में लगे सभी जिलों से आज कफर्यू उठा लिया है। हालांकि सुरक्षात्मक द़्ष्टि के चलते पंजाब पुलिस समेत केंद्र से आई हुई रैपिड एक्शन फोर्स, केंद्रीय रिजर्व बल व सीमा सुरक्षा प्रहरी हर प्रकार की गतिविधियों पर गिद्द दृष्टि बनाए हुए है। ताकि कोई शरारती तत्व मौके का फायदा उठाकर कोई घिनौनी साजिश करके पंजाब के सुधर रहे हालात को बिगाड न पाए।

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आज लुधियाना में कारोबारियों व दुकानदारों ने दिनचर्या की तरह अपनी अपनी दुकानें व हट़्िटयों के बंद शट्टर स्वयं ही खोले जबकि घरों में अचानक पंचकूला हिंसा के उपरांत 25 अगस्त के बाद बिना सलाखों के कैदियों की तरह घरों के अंदर बंद बच्चे मंगलवार को सरकारी व निजी स्कूलों के खुलने की घोषणा सुनते ही नहा-धौकर वर्दी पहने और कंधों पर स्कूली बैग उठाए खुशी खुशी जाते दिखाई दिये। अधिकांश नर्सरी व केजी क्लास के बच्चे एक दूसरे को मिलकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे थे। जबकि स्कूल की अध्यापिकाएं भी चार दिनों के पश्चात बच्चों की पढाई पर चिंता प्रकट करते हुए एक दूसरे के साथ भविष्य की शैक्षणिक योजनाओं को अंतिम देती नजर आई।

लुधियाना के सिविल लाइंस स्थित 75 साल से पुराना कुंदन विद्या मंदिर स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती नविता पुरी ने बाबाओं और सियासी आकाओं पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि विद्यार्थी ही आने वाले भारत की तकदीर और तस्वीर है। उन्हीं नन्हें बच्चों की पढ़ाई के दौरान विघ्र डालना निंदनीय है। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षात्मक दृष्टि से भले ही स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद किया था कि ंतु इस दौरान जो पढ़ाई का नुकसान हुआ उसकी भरपाई आने वाले समय में नहीं की जा सकती।

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बहरहाल ऐसे हिंसात्मक वक्त में कुछ ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे बच्चों की पढ़ाई निर्विघ्र चलती रहें और उनका नुकसान ना हो। देर शाम पंजाब में 4 दिन से मोबाइल इंटरनेट बहाल होने पर अधिकांश लोगों के मोबाइल सक्रिय हो उठे। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे को डाटा सेवा बहाल होने की बधाईयां देते दिखे।

– रीना अरोड़ा

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