लुधियाना-अमृतसर : भाई गोबिंद सिंह लोंगेावाल की अध्यक्षता में दरबार साहिब स्थित तेजा सिंह समुद्री हाल में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की हंगामेदार कार्यकारिणी बैठक में लंबे समय तक श्री अकाल तख्त साहिब की सेवाएं निभाने वाले सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के इस्तीफे को मंजूरी देते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो को श्री अकाल तख्त साहिब के प्रबंधों का अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
ज्ञानी गुरबचन सिंह श्री मुक्तसर साहिब से संबंधित थे और अब नवनियुक्त किए गए कार्यकारिणी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह का भी संबंध श्री मुक्तसर साहिब से है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह 16 वर्ष गुरूद्वारा टूटी-गंडी साहिब (श्रीमुक्तसर साहिब) के हैड ग्रंथी के तौर पर पंथ की सेवाएं निभा चुके है जबकि 21 अप्रैल 2017 से तख्त श्री दमदमा साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार के तौर पर सेवा निभा रहे है। इलाके की संगत ने उनकी नई नियुक्ति पर खुशी का इजहार किया है।
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बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि बीते दिन सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा भेजकर किसी अन्य को सेवा देने के लिए कहा था। जिसके बाद 72 घंटे के बाद विचार-विमर्श करते हुए आंतरिक कमेटी ने सर्वसहमति से उनका इस्तीफा परवान किया और फिलहाल तख्त श्री दमदमा साहिब के मोजूदा जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार के तौर पर सेवाएं सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के तौर पर सेवा संभालने के लिए जल्द ही समागम रखा जाएंगा। भाई लोंगोवाल ने आशा प्रकट करते हुए कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह अकाल तख्त साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार के रूप में सिख कौम की उन्नति के लिए कार्य करेंगे।
एसजीपीसी के सदस्य अमरीक सिंह शाहपुर ने जत्थेदार की नियुक्ति के लिए समुचित प्रक्रिया अपनाने की मांग की। उन्होंने इस संबंध में बैठक में ज्ञापन दिया1 उनकी मांग को बैठक के दौरान ही अस्वीकार कर दिया गया।
अमरीक सिंह शाहपुर ने कहा कि एसजीपीसी और शिरोमणि अकाली दल को संकट की घड़ी में कोई भी जत्थेदार नहीं मिल रहा है। यहां तक कोई सही व्यक्ति जत्थेदार बनने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को ही अतिरिक्त कार्यभार देकर श्री अकाल तख्त साहिब का कार्यकारी जत्थेदार बनाया गया है।
स्मरण रहे कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने 18 अक्तूबर की देर रात को अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे के दौरान योगय व्यक्ति को पंथ की जिम्मेदारी उठाने के लिए अपील की थी। ज्ञानी गुरबचन ङ्क्षसह पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने को लेकर सवाल उठ रहे थे। उन्होंने यह कदम श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की जांच और 14 नवंबर को हाईकोर्ट में पेश की जाने वाली संभावित रिपोर्ट से पहले यह कदम उठाया है।
डेरा प्रमुख को माफी पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार पर उठ रही थीं उंगलियां
माना जा रहा है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी दिए जाने पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार पर भी उंगली उठी थी, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को भी डेरे के मामले से जोड़ा जा रहा था। हालांकि अपने इस्तीफे में उन्होंने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया है लेकिन यह तय है कि एसआइटी की रिपोर्ट में जत्थेदार पर उठने वाली उंगली शिरोमणी अकाली दल को भी परेशान कर सकती थी।
डेरा सच्चा सौदा को माफी देने वालों में जहां ज्ञानी गुरबचन सिंह का नाम सबसे ऊपर था वहीं, इस फैसले पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य जत्थेदारों में ज्ञानी मल सिंह का पहले ही निधन हो चुका है। श्री दमदमा साहब के जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह भी इस्तीफा दे चुके हैं। अब केवल गुरबचन सिंह ही ऐसे जत्थेदार थे जिन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया था।
– सुनीलराय कामरेड