लुधियाना : दो पाकिस्तानी नागरिकों के कत्ल के मामले में अबूधाभी में मौत की सजा भुगत रहे 10 युवकों में से 3 युवक भारत लौटे। एक हत्या के मामले में पहले मौत की सजा और फिर ब्लड मनी देने के बाद कैद की सजा भुगत रहे सभी आरोपियों को पवित्र रमजान के महीने में सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया। बाकी 7 भारतीय 6 जून को वापिस वतन लौट आयेंगे। इन तीनों युवकों के लुधियाना के बस अड्डे पर पहुँचने पर उनके परिजनों तथा मित्रों ने भावपूर्ण गले मिलकर उनका भरपूर स्वागत किया गया।
गौरतलब है के यह तीनों युवक वर्ष 2013 में दुबई गये थे और एक झगडे में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद फरहान, मोहम्मद रियाद के कत्ल के मामले में भारतीयों को दोषी मानते हुए की मौत सुनाई थी और वर्ष 2017 में उनकी मौत की सजा को 3 साल की कैद में बदल दिया था।
लुधियाना बस अड्डे पर पहुंचने पर जालंधर के बलविंदर सिंह, नवांशहर के चंद्रशेखर व बरनाला के सतविंदर सिंह नामक तीनों युवकों को उनके परिजनों तथा मित्रों ने भरपूर स्वागत किया। दरअसल डालरों की चका-चौंध से प्रभावित होकर उन्होंने भी 2013 में दुबई का रुख कर लिया था लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। वहां प्रदेश भी इन सभी भारतीयों का पाकिस्तानियों से जबरदस्त झगडा हो गया और उसी झगडे में एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई।
इस हत्याकांड के चलते वहां की अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुना दी। एक युवक सतविंदर की बहन गुरप्रीत कौर ने बताया कि जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे वैसे-वैसे परिवार की साँसे रुक रही थी और इनके सकुशल लौटने की हमारी उम्मीदें खत्म होती जा रही थी। लेकिन अचानक इस केस में एक जबरदस्त मोड़ आया और वहां के कानून के मुताबिक 60 लाख रूपये की ब्लड मनी के बदले उनकी रिहाई सुनिश्चित हो गई।
अदालत ने उनकी मौत की सजा को 3 वर्ष कैद में तबदील कर दिया। मौजूदा समय में रमजान के चलते इन युवाकों को सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया. कुल 10 पंजाबी युवकों में से 3 पंजाब पहुँच गये और अन्य 7 युवक 6 जून को भारत पहुंचेंगे।
– सुनीलराय कामरेड
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