डगर नहीं आसान : पंजाब में कांग्रेस के 3 और दिग्गज सियासी बिसात पर, 4 सीटों पर फंसा पेंच - Punjab Kesari
Girl in a jacket

डगर नहीं आसान : पंजाब में कांग्रेस के 3 और दिग्गज सियासी बिसात पर, 4 सीटों पर फंसा पेंच

आखिर पंजाब की कांग्रेस हाई कमान ने ‘मिशन-13’ लोकसभा सीटों पर विजयश्री ध्वज फहराने हेतु बाकी 7 बची

लुधियाना : आखिर पंजाब की कांग्रेस हाई कमान ने ‘मिशन-13’ लोकसभा सीटों पर विजयश्री ध्वज फहराने हेतु बाकी 7 बची संसदीय लोकसभा सीटों के चयन प्रक्रिया पूरी करते हुए 3 दिगगजों को सियासी शतरंज की बसी बसात पर पयादों के रूप में उतार दिया जबकि 3 सीटों बठिण्डा, फिरोजपुर और संगरूर पर पेंच फंसा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक 2019 के लिए कांग्रेस में तीन और प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं। इस तरह अब तक पंजाब की 13 सीटों में से नौ सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशी तय किए जा चके हैं। शनिवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई बैठक में तीन सीटें जिनमें पंथक गढ़ के नाम से विख्यात खंडूर साहिब से जसबीर सिंह डिंपा, पावन संसदीय सीट फतेहगढ़ साहिब डॉ अमर सिंह और फरीदकोट सुरक्षित सीट से पंजाबी गायक और पूर्व विधायक मोहम्मद सदीक को टिकट दिया गया है।

पंजाब के बरनाला में गुंडागर्दी की नंगा नाच : समाजसेवी पर सुबह-सवेर तलवारों से जानलेवा हमला, हालत गंभीर

इस घोषणा से पहले पार्टी ने लुधियाना से रवनीत सिंह बिटटू, जालंधर से संतोख चौधरी के नाम की घोषणा हो चुकी है इसके बाद जालंधर में बकावत का माहौल बना हुआ है। यहां से पूर्व मंत्री और सांसद महिंद्र सिंह केपी के तेवर भी टिकट ना मिलने से बदलते हुए है। जबकि पटियाला की सीट से अमलोह के 4 बार विधायक रहे रनदीप सिंह नाभा ने भी अपनी ताल ठोंकी हुई है।

इसी प्रकार होशियारपुर की टिकट मांग रही पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री संतोख चौधरी ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि कैप्टन के पास नेताओं की नाराजगी दूर करने की फुर्सत नहीं, ऐसेे में कांग्रेस की ‘मिशन-13’ की राह आसान नहीं। जालंधर में दलित नेता महिंद्र केपी प्रमुख दावेदार बताएं जाते थे लेकिन उन्हें ना तो जालंधर और ना ही होशियारपुर से टिकट मिली। फिलहाल संतोख चौधरी – केपी को मनाने लगे है लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी।

पंजाब के सीमावर्ती संसदीय सीट गुरदासपुर से प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ चुनावी मैदान में दुबारा उतरे है। जबकि मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर को पटियाला सीट जीतने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी प्रकार गुरू की नगरी अमृतसर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नजदीकी समझे जाने वाले गुरजीत सिंह ओजला को और डॉ राजकुमार को सुरक्षित सीट होशियारपुर में कांग्रेस का विजयी ध्वज फहराने हेतु जिम्मा सौंपा गया है।

इसी प्रकार पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से पवन बंासल पर एक बार फिर पुन: कांग्रेस हाईक मान ने विश्वास जताया है। हालांकि कांग्रेस के ‘मिशन-13’ की राह में अड़चने काफी है। एक तरफ कांग्रेस बठिण्डा, फिरोजपुर, संगरूर की सीट पर अपने प्रत्याशियों का चयन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रही, वही जालंधर, होशियारपुर और पटियाला में भी वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के स्वर सामने आ रहे है।

जसबीर डिम्पा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी हैं और ब्यास के पूर्व विधायक हैं जबकि अमर सिंह पूर्व आइएएस अधिकारी हैं। मोहम्मद सदीक भदौड़ के पूर्व विधायक रहे हैं। डॉ. अमर सिंह मध्यप्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। दिग्विजय सिंह की सरकार में सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे। वह केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार के दौरान दस साल कई महत्वपूर्ण विभागों में रहे। 2012 में भाई मलकीत सिंह बोपाराय को रायकोट से टिकट दिलाया। बोपाराय जीत गए। 2017 में खुद रायकोट से चुनाव लड़े और हार गए थे।

खडूर साहिब से कांग्रेस पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिंपा को चुनाव मैदान में उतारा गया है। खडूर साहिब को पंथक सीट माना जाता है। यहां से 1977 के चुनाव से लेकर शिअद को जीत मिलती आई है। 50 वर्षीय जसबीर सिंह डिंपा ग्रेजुएट हैं। गांव लिद्दड़ की सरपंची से उन्होंंने सियासत का सफर 25 वर्ष की उम्र में शुरू किया था। डिंपा के पिता संत सिंह लिद्दड़ ब्यास हलके से विधायक थे। उनको आतंकियों ने हत्या कर दी थी। 2002 में डिंपा ब्यास हलके से विधायक रह चुके हैं। उस समय वह कांग्रेस की सरकार में पंजाब सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। पंजाब युवा कांग्रेस अध्यक्ष व आल इंडिया युवा कांग्रेस महासचिव रह चुके डिंपा के आगे पंथक गढ़ में सेंध लगाना तकड़ी चुनौती होगी।

इस बैठक में चार सीटों को लेकर जारी गतिरोध दूर नहीं हो सका। कांग्रेस के उच्च सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान श्री आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी का नाम देखकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उखड़ गए। उन्होंने पार्टी नेताओं से दोबारा प्रत्याशियों का पैनल बनाने को कहा। ऐसे में अब कांग्रेस नेताओं की ओर से दोबारा पैनल बनाया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि रविवार की शाम तक सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जा सकते हैं।

स्मरण रहें कि मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ से कांग्रेस टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन वहां से पवन बंसल को टिकट दिया गया है। ऐसे में मनीष तिवारी के लिए टिकट की राह मुश्किल लग रही है।

– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 1 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।