1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। इस मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने अमृतसर के लॉरेंस रोड स्थित गुरु तेग बहादुर निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और देश के गृह मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद सज्जन कुमार को एक और मामले में दोषी करार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को फिर से खुलवाने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी विरोध प्रदर्शन किए थे और संघर्ष किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य सज्जन कुमार के साथी जगदीश टाइटलर को भी इसी मामले में सजा दिलाना है। उन्होंने कहा कि 41 साल बाद सज्जन कुमार को इस मामले में दोषी ठहराया गया है। और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 40 सालों से विधवा कॉलोनियों में रह रही माताओं, बहनों और उनके बच्चों का जीवन बर्बाद हो गया है। उन्हें आज बहुत बड़ी राहत मिली है कि सज्जन कुमार को दोषी करार दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अगर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी खुद इस मामले में श्रेय लेना चाहती है तो ले सकती है, लेकिन दिल्ली संगत और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सज्जन कुमार को सजा दिलाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं और यह सब संगत के सहयोग से ही हुआ है। और 2013 में ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस मामले में एक एसआईटी का गठन किया। उन्होंने कहा कि देश को इस फैसले के लिए 40 साल तक इंतजार करना पड़ा और देश ने 40 साल तक लड़ाई लड़ी है और हम केंद्र सरकार और गृह मंत्री, भारत सरकार और न्यायपालिका को धन्यवाद देते हैं।