वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा नहीं देने पर केंद्र पर लगाया आरोप-इस राज्य के साथ भेदभाव ना करे - Punjab Kesari
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वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा नहीं देने पर केंद्र पर लगाया आरोप-इस राज्य के साथ भेदभाव ना करे

वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना दिए जाने के वादे से पीछे हटने

वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना दिए जाने के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए सोमवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और उससे आग्रह किया कि वह इस राज्य के साथ भेदभाव ना करे।राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विपक्षी दल आरोप लगाते हैं 
 सरकार का तर्क
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी राज्य के लिए विशेष दर्जा के मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर सात से अधिक बार प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और 12 से अधिक बार केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) से मुलाकात की लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।’’उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विशेष दर्जा ना दिए जाने के पीछे छह कारण बताए हैं और यह सभी अतार्किक हैं और न्यायोचित नहीं हैं।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का तर्क है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है तो ओड़िशा और बिहार जैसे राज्यों से भी इस प्रकार की मांगे बलवती होने लगेंगी।उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार की मांगों के बलवती होने का हवाला देकर आंध्र प्रदेश को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।’’
बंटवारे पर टिप्पणी
रेड्डी ने कहा कि पूर्व में भी कई राज्यों मसलन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार का बंटवारा कर नए राज्यों की स्थापना की गई लेकिन आंध्र प्रदेश एकमात्र उदाहरण है कि उसके हिस्से में राजधानी भी नहीं आया।उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड बना तो बिहार की राजधानी पटना, उत्तराखंड बना तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और छत्तीसगढ़ बना तो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल ही रही लेकिन आंध्र प्रदेश से हैदराबाद छीन लिया गया।’’
विशेष राज्य का दर्जा एक चुनावी मुद्दा
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा अपने घोषणापत्र में इस केंद्र शासित प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का वादा करने के लिए केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को उन्होंने आड़े हाथों लिया और कहा कि उसके लिए विशेष राज्य का दर्जा एक चुनावी मुद्दा हो सकता है लेकिन आंध्र प्रदेश के लिए यह भावनात्मक मुद्दा है।उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश को हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। हमारे साथ सौतेला व्यवहार ना करें।’’आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को दोषपूर्ण बनाने के लिए उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार को भी आड़े हाथों लिया।

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