योग केवल राष्ट्र ही नहीं विश्वव्यापी होगा और योगधर्म के साथ पूरे विश्व में सनातन धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ेगी: स्वामी रामदेव - Punjab Kesari
Girl in a jacket

योग केवल राष्ट्र ही नहीं विश्वव्यापी होगा और योगधर्म के साथ पूरे विश्व में सनातन धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ेगी: स्वामी रामदेव

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के कुशल नेतृत्व तथा पतंजलि विश्वविद्यालय, भारत स्वाभिमान

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के कुशल नेतृत्व तथा पतंजलि विश्वविद्यालय, भारत स्वाभिमान (महिला विंग) और जी-20 के सहयोगी संगठन डब्ल्यू-20 के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विशाल महिला सम्मेलन का आयोजन इंदिरा गांधी स्टेडियम, नई दिल्ली में किया गया। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 5500 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने महिलाओं के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए योग का प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में स्वामी जी महाराज ने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग वैश्विक स्तर पर मनाया जाएगा। इससे पूर्व योग का आगाज हम दिल्ली से करना चाहते हैं और यह संदेश देना चाहते हैं कि योग केवल राष्ट्र ही नहीं विश्वव्यापी होगा और योगधर्म के साथ पूरे विश्व में सनातन धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। इसमें भाईयों का पुरुषार्थ तो निःसंदेह है ही किन्तु बहनों का पुरुषार्थ बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यदि आज सनातन धर्म जीवित है तो इसमें भारत की माताओं-बहनों का सबसे बड़ा पुरुषार्थ व तप निहित है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि आज से दस साल बाद का भारत पूरी दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व सबसे बड़ी सामरिक महाशक्ति होगा। भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा और स्वस्थ, समर्थ, संस्कारवान, परम वैभवशाली भारत बनाने में सबसे बड़ी भूमिका हमारी माताओं-बहनों की होगी।  स्वामी जी ने कहा कि माताएँ ही हमें संस्कार देने वाली, सबके जीवन में दैवीय सम्पद का आधान करने वाली तथा अपने घर-परिवार में मंगल व सौभाग्य देने वाली हैं। उन्होंने माताओं बहनों का आह्वान करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में, विपत्ति या विकट संकट में, बड़ी चुनौतियों में स्वधर्म को नहीं डिगाना, अपना धैर्य बनाकर रखना, योग को आत्मसात करना, सब बाधाएँ समाप्त हो जाएँगी। उन्होंने कहा कि देश की 60 करोड़ तथा पूरे विश्व की लगभग 400 करोड़ माताओं-बहनों का आशीर्वाद मेरे साथ है। 
पूज्य स्वामी जी महाराज ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही एनसीआर क्षेत्र में पतंजलि बड़ी सेवा योजना लेकर आ रहा है। उन्होंने बताया कि एनसीआर में 10 हजार बच्चों के लिए रेजिडेंशियल ग्लोबल गुरुकुल, एक लाख विद्यार्थियों के लिए ग्लोबल यूनिवर्सिटी तथा 20 से 25 हजार बच्चों के लिए डे-बोर्डिंग स्कूल की भावी योजना है। इनमें 200 से ज्यादा देशों के बच्चे पढ़कर अपने देश जाएँगे तो वहाँ भारत, ऋषिधर्म, वेदधर्म व सनातन धर्म के अम्बेस्डर बनकर योग, अध्यात्म तथा सनातन का झण्डा गाड़ेंगे। इस कार्य में भी निःस्वार्थ सेवाभावी माताओं-बहनों की सेवा की आवश्कता रहेगी।
कार्यक्रम में पतंजलि योग समिति की मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया ने कहा कि महिलाएँ ही योग के माध्यम से समाज व राष्ट्र में परिवर्तन लाएँगी। उन्होंने कहा कि स्वामी जी महाराज का कथन है कि ऊपर-ऊपर से योग करने से बात बनने वाली नहीं है, कोई परिवर्तन आने वाला नहीं है, परिवर्तन के लिए हमें योग को आत्मसात करना होगा। सरफेस वाली बनावट या सरफेस वाला योग हमारा कल्याण नहीं कर सकता, इसके लिए हमें योग की गहराई में जाना होगा। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद के क्षेत्र में जो नेतृत्व आज परम पूज्य स्वामी जी महाराज तथा श्रद्धेय आचार्य जी कर रहे हैं, उस नेतृत्व की क्षमता को हमें प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः के माध्यम से कहते हैं कि योग से हमें अपने मन के विकारों को दूर करना है। योग मन को तब तक स्थिर करना है जब तक कि यह पूर्ण शांति की स्थिति में न आ जाए, और जब मन शांत होगा तो व्यक्ति जीवन को यथार्थ रूप में अनुभव करेगा। सम्मेलन में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एन.पी. सिंह ने कहा कि आज समाज में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जो माँ अपने गर्भ में नौ महीने बच्चे को रखकर, असहनीय पीड़ा सहकर जीवन को उत्पन्न कर सकती है उसे सशक्तिकरण की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन निर्माण, चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण और युग निर्माण का सबसे बड़ा कार्य यदि कोई करता है तो वह हमारी मातृशक्ति है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ 5-6 हजार की संख्या में माताओं-बहनों की उपस्थिति पतंजलि योग तीर्थ के प्रति उनकी आस्था, विश्वास व समर्पण का प्रमाण है। कार्यक्रम में डब्ल्यू-20 की अध्यक्षा डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा कि नारी विश्व निर्मात्री है, विश्व की रक्षा करने वाली है तथा नारी ही सबका मूल है। वह पूर्ण है तथा पूर्ण को जन्म देकर भी पूर्ण ही रहती है।इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने उपस्थित मातृशक्ति व जनसमूह को भ्रामरी, उद्गीथ, ताड़ासन तथा वृक्षासन आदि का अभ्यास कराया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री एस.के. तिजारावाला, श्री परमिंदर गुलिया, भाई डबास जी, भाई मोतीलाल जी, बहन सविता, बहन संध्या आदि का विशेष सहयोग रहा। कुमारी व्याख्या ने शिव ताण्डव स्त्रोत पर नृत्य प्रस्तुति दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।