महिला ने पति और सास के संबंधों पर लगाए आरोप, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लताड़ा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

महिला ने पति और सास के संबंधों पर लगाए आरोप, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लताड़ा

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय अग्रवाल की बेंच ने हाल ही में एक तलाक के केस में दुर्ग की एक फैमिली कोर्ट की ओर से मार्च 2020 में पारित ऑर्डर को रद्द करते हुए  महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने स्वीकार किया किसी पत्नी  द्वारा उसके पति और उसकी मां के बीच अवैध संबंधों के आरोप लगाए जाते हैं, तो इसे मानसिक क्रूरता माना जाएगा, जो उसे तलाक लेने का हक देगी। 
बार एंड बेंच की रिपोर्ट ये कहती है 
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा ” इस तरह के बयान पति- पत्नी की प्रतिष्ठा और मुल्य को एक दूसरे की नजरों में नष्ट कर देते हैं। इसे सामान्य टूट-फूट और अलग घटना नहीं माना जा सकता। जब पत्नी इस तरह के आरोप लगाती है, जिसमें मां बेटे के पाक रिश्ते पर हमला किया जा रहा है, तो ये निश्चित रूप से मानसिक क्रूरता को बढ़ावा देगा। “हाईकोर्ट में पत्नी की ओर से उसके पति और उसकी मां के बीच अवैध संबंध होने का आरोप लगाया गया था। उसने ये भी आरोप लगया था कि उसके ससुर की उस पर बूरी  नजर थी। बेंच ने कहा कि पत्नी ने इस तरह का आरोप लगाकर अपनी सास का चरित्र हनन किया है। इस आरोप को केवल ये कहकर दरकिनार नहीं किया जा सकता की ये केवस क्षण भर के लिए लगाया आरोप था। 
पति ने ये भी आरोप लगाया 
पति ने ये भी आरोप लगाया कि जब वो दोनों 2013 में छत्तीसगढ़ के भाटपारा में अपने माता-पिता के घर गए थे तो उसकी पत्नी वहां दो दिन से ज्यादा नहीं रुकी और भिलाई में अपने मायके चली गई और फिर कभी वापस नहीं आई। वहीं पत्नी ने पति के इस सभी आरोपों से इंकार किया। बता दें इस दंपत्ती की शादी 5 नंवबर 2011 को हुई थी। पति ने अपनी पत्नी का व्यवहार उसके प्रति अच्छा न होने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उसने ये भी आरोप लगाया कि पत्नी उसकी मां को गालियां देती थी। यहां तक की पति ने  पत्नी पर अक्सर खाना न बनाने का भी आरोप लगाया। पति ने ये दावा भी किया उसकी पत्नी उसे झूठा मामला दर्ज कराने की धमकी भी देती थी। 
पत्नी की ओर से ये दावा किया गया
 पत्नी की ओर से ये दावा भी किया गया कि 2013 में उसे भाटपारा रेलवे स्टेशन पर ही छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं उसके पति ने उसे साथ ले जाने से मना कर दिया। इसीलिए वो अपने मायके चली गई। पत्नी ने अपनी ओर से ये दावा किया कि उसके काम करने के दौरान उसकी पूरी सैलरी परिवार के सदस्यों को जाती थी। जब उसने अपने पति से एक बच्चा पैदा करने की इच्छा जाहिर की, तो पति इंकार कर दिया और कहा कि उन्हें बेटी हो सकती है। 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया 
पीठ ने पति को ये आदेश भी दिया कि वो अपने पत्नी को 35 हजार रुपये महीने का गुजारा भत्ता भी देगा। दोनों पक्षों की दलीले सुनने और मौजूद सबूतों की जांच के बाद हाईकोर्ट की बेंच की ओर से रानी नरसिम्हा शास्त्री बनाम सुनिला रानी के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और फैमली कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए जोड़े के तलाक को मंजूरी दे दी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।