बारामती में अजित पवार के कार्यकर्ताओं को सुप्रिया सुले के साथ देखा गया, जिससे कई लोगों की भौंहें तन गईं। इस मामले में जब सुप्रिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि पवार परिवार का अभिन्न अंग हैं। एनसीपी के विभाजन के 52 दिन बाद सुप्रिया सुले ने बारामती में प्रवेश किया।
एनसीपी, पवार परिवार नहीं है, यह कोई पारिवारिक मामला नहीं है- सुप्रिया सुले
एनसीपी, पवार परिवार नहीं है। यह कोई पारिवारिक मामला नहीं है। हममें से कुछ लोग महसूस करते हैं कि हमें दूसरी विचारधारा के साथ चलना चाहिए। यह व्यक्तिगत मतभेद नहीं बल्कि वैचारिक मतभेद है। उसके साथ कुछ भी गलत नहीं है। सुप्रिया सुले ने कहा कि ”बारामती मेरा घर और कर्मभूमि है। लोग मेरे साथ हैं। मेरा एक सामाजिक उद्देश्य है। मैंने तो पार्टी से सिर्फ टिकट मांगा है। एक सेवक के रूप में लोगों ने मुझे अवसर दिए। बारामती की आन बान शान दिल्ली की संसद में नंबर वन रहेगी। ” सुप्रिया सुले ने कहा कि एनसीपी में विचारों का अंतर आ गया है। जो कुछ भी हो रहा है उसका पवार परिवार से कोई संबंध नहीं है।
सुप्रिया सुले ने आगे महंगाई को लेकर भी बात की
मैं आज जो कुछ भी हूं वह बारामती की वजह से हूं। ” सुप्रिया सुले ने आगे महंगाई को लेकर भी बात की और कहा, ”हमने सरकार पर दबाव बनाया और अब सरकार महंगाई कम करने की कोशिश कर रही है। महंगाई कितनी कम होगी ये ठीक-ठीक कह पाना संभव नहीं है। सुप्रिया सुले ने कहा कि इंडिया अलायंस ने जो संसद में काम किया है, उससे महंगाई कम होगी। अजित पवार का नाम लिए बिना सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि एनसीपी में आज दूरियां नजर आ रही हैं। मैं नहीं कह सकती कि आगे क्या होगा, ये वैचारिक मतभेद हैं, मन के मतभेद नहीं। दिल्ली में बारिश हो रही थी इसलिए व्यस्तता थी।