कौन है वह IAS अधिकारी जिसने बचाई 90 बालिकाओं की जिंदगी? नहीं होने दिया किसी का भी बाल विवाह - Punjab Kesari
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कौन है वह IAS अधिकारी जिसने बचाई 90 बालिकाओं की जिंदगी? नहीं होने दिया किसी का भी बाल विवाह

हमारा देश आजादी प्राप्त कर चुका है लेकिन इस आजादी के अंदर भी कई ऐसे गांव और कस्बे है जहां आज भी महिलाओं को कैद कर रखा जाता है और बचपन में ही उनका खिलौना छीन कर हाथों में घर की जिम्मेदारी थमा दी जाती है। बाल विवाह जैसे कई मामले ज्यादातर राजस्थान बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से सामने आते रहे हैं। अब भले ही बाल विवाह की गिनती कम हो गई हो लेकिन एक समय ऐसा भी था जब यह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। बाल विवाह को अब कानून द्वारा एक अपराध घोषित कर दिया गया है अब एक महिला की शादी 18 वर्ष से अधिक में ही हो सकती है। पहले जब कोई व्यक्ति बाल विवाह के खिलाफ बोला भी करता था तो उसको समाज द्वारा कई दोनों का सामना करना पड़ता था। लेकिन इन सब में एक ऐसा व्यक्ति भी था जिसने 90 लड़कियों की जिंदगी बचाई और उनके बचपन को बचाया। जिसकी आज हम चर्चा करने वाले हैं वह एक आईएएस अधिकारी है जिसे 90 लड़कियों की जिंदगी बचाने के साथ-साथ उनके बाल विवाह को भी रोका आईए जानते हैं कि आखिरकार वह अधिकारी है कौन?

कौन है वो IAS अधिकारी?

जैसा कि हमने आपसे कहा कि ज्यादातर बाल विवाह के मामले कुछ साल पहले ही आते थे लेकिन यह मामला त्रिपुरा में साल 2022 में बड़ा जहां एक अधिकारी  ने इस का पद संभाला और उसने जाना की त्रिपुरा के स्कूलों की आठवीं नौवीं कक्षा की छात्राएं बाल विवाह का शिकार हो रही है। जी हां बात कर रहे हैं त्रिपुरा के आईएएस अधिकारी साजू वाहिद की जिन्होंने त्रिपुरा में हो रहे इस अपराध को रोकने में कई कोशिश है कि। दरअसल साजू वाहिद ने पाया कि त्रिपुरा में मौजूद स्कूलों के अंदर छठी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षाओं की लड़कियां छोटी उम्र में ही शादी कर रही है। इसलिए उन्होंने त्रिपुरा के अंदर एक बालिका मंच की स्थापना की और यह बालिका मंच वही है जिसके अंदर छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की छात्राओं पर नजर रखा जाता था कि कहीं उन्होंने विद्यालय छोड़ तो नहीं दिया। ये क्लब रोजाना लड़कियों की गैर हाजिरी पर नजर रखता है और यदि कोई लड़की नहीं आती है तब क्लब के अध्यक्ष सीधे लड़की के घर पर पहुंच जाते हैं। और जब उन्हें ऐसा प्रतीत होता है किसी लड़की की जबरन शादी करवाई जा रही है तो वह तुरंत ही जिला प्रशासन को इस बात की सूचना दे देते हैं। और इसी मॉडल के जरिए साजू वाहिद ने अब तक 90 लड़कियों की जिंदगी तबाह होने से बचाई है।

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