पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक चुनाव खूनी हो गया टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओ के बीच कभी भी किसी भी प्रकार की झड़प के या हिंसा के बारे में खबर सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद राजनीतिक दलों की गहमा – गहमी की खबरे तो आम होती है लेकिन माहौल उस समय बिगड़ना शुरू हुआ जब नामकंन करने करने के दौरान दो दलों में आपसी झड़प हो गई थी। जिसके बाद वहा के हालात बद से बदतर होते चले गए स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए केंद्रीय बालों की कई टुकड़ी पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई। तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी दलों पर साधा निशाना।
मालदा के मानिकचक में टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या
पश्चिम बंगाल की हिंसा पर सत्ता रूढ़ पार्टी सीपीआई ने केंद्रीय बलों की मांग कर रहे राज्य के वपक्षी दलो पर निशाना साधा और पूछा हिंसा के समय केंद्रीय बल कहा थे , जिसमे कई लोगो की जान गई। टीएमसी ने तंज कसते हुए कहा कि ‘केंद्रीय बलों की कड़ी निगरानी’ में चुनाव संबंधी घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
पार्टी ने एक ट्वीट में कहा,
Under the close supervision of Central Forces, the death toll keeps mounting! A devastating bomb attack claimed the life of our party worker in Manikchak, Malda.
In Narayanpur-I Gram Panchayat of Nadia, @CPIM_WESTBENGAL hooligans opened fire on our candidate, Hasina Sultana’s…
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 8, 2023
सीपीआईएम
केंद्रीय बलों की कड़ी निगरानी में, मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है! एक विनाशकारी बम हमले ने मालदा के मानिकचक में हमारे पार्टी कार्यकर्ता की जान ले ली। नादिया के नारायणपुर-1 ग्राम पंचायत में।
सीपीआई कार्यकर्ताओं ने टीएमसी उम्मीदवार के पति पर गोलियां चलाईं
सीपीआईएम के गुंडों ने हमारी उम्मीदवार हसीना सुल्ताना के पति पर गोलियां चलाईं। उन्होंने चुनाव शुरू होने से ठीक पहले हमारे कार्यकर्ताओं पर कच्चे, देशी बम फेंके। केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद, जलपाईगुड़ी के सालबारी-द्वितीय ग्राम पंचायत के हमारे कार्यकर्ता भाजपा के गुंडों ने उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया ।राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने आगे कहा कि हिंसा की हालिया घटनाएं न केवल केंद्रीय बलों की क्षमता और तैयारियों पर गंभीर संदेह पैदा करती हैं, बल्कि भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस द्वारा उनकी भूमिका के बारे में किए गए दावों के खोखलेपन को भी उजागर करती हैं। शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करना।”चुनावों से पहले, केंद्रीय बल नागरिकों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य को पूरा करने में बेहद अपर्याप्त साबित हुए हैं। वे क्यों लड़खड़ा रहे हैं और उन लोगों को निराश कर रहे हैं जिनकी उन्हें सुरक्षा करनी चाहिए?पार्टी ने ऑन-ड्यूटी बीएसएफ कर्मी का एक कथित वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि वह कूच बिहार के गीतलदाहा-द्वितीय में मतदाताओं को धमकी दे रहा था, जिससे मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही थी।निरंकुशता का बेशर्म प्रदर्शन! बीएसएफ कर्मियों ने कूच बिहार के गीतलदाहा-द्वितीय में मतदाताओं को धमकी दी और मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की। पंचायत चुनावों में बीएसएफ की भागीदारी अनावश्यक और अनुचित है, फिर भी वे हमारे लोगों को परेशान कर रहे हैं। नहीं स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय बलों का एक भी अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद था।
सशस्त्र पुलिस बलों के 59,000 कर्मी मतदान केंद्रों पर तैनात
विशेष रूप से, राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल राज्य में 3317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। मतदान के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य राज्य सशस्त्र पुलिस बलों के 59,000 कर्मियों को संवेदनशील मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है और स्थानीय राज्य पुलिस के साथ सीएपीएफ और एसएपी के बाकी जवानों को तैनात किया गया है। शेष मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
2023 के चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस ने कई सीटें निर्विरोध जीती
22 जिला परिषदों, 9,730 पंचायत समितियों और 63,239 ग्राम पंचायतों की लगभग 928 सीटों के लिए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए लगभग 5.67 करोड़ मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने की संभावना है। पश्चिम बंगाल में 3,341 ग्राम पंचायतें हैं और ग्राम पंचायत चुनाव केंद्रों की संख्या 58,594 है। ग्राम पंचायत स्तर पर 63,239 सीटें, पंचायत समिति स्तर पर 9730 और जिला परिषद स्तर पर 928 सीटें हैं।