पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में नामकंन के दौरान भड़की हिंसा की आग अब कही ठंडी होती दिख रही है। हिंसा को लेकर सत्ता रूढ़ पार्टी पर विपक्ष लगातार हमलावर था। जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों मांग की जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मांग को स्वीकार कर सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल का आदेश दिया। केंद्रीय बलों ने मतदाताओ में विश्वास जगाने के लिए बीरभूमि जिले के बोलपुर शहर में रूट मार्च किया।
एक कंपनी शुक्रवार शाम जलपाईगुड़ी पहुंची
पंचायत चुनाव में चुनाव प्रक्रिया सुवय्वस्थित व शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो सके इसके लिए प्रशासन और बोलपुर पुलिस ने भी केंद्रीय बलों के साथ लिया। इस बीच अर्धसैनिक बलों की एक कंपनी शुक्रवार शाम जलपाईगुड़ी पहुंची।केंद्रीय अर्धसैनिक बल की कंपनी को जलपाईगुड़ी के मोहितनगर क्षेत्र में पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में ठहराया गया है।
अदालत का आदेश भाजपा और कांग्रेस द्वारा दायर अवमानना याचिका के जवाब
अदालत का यह फैसला विपक्षी दलों के इन आरोपों के बीच आया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आगामी 8 जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से हतोत्साहित करने के लिए हिंसा और डराने-धमकाने की रणनीति अपना रही है। अदालत ने कहा कि 2013 की तुलना में अब अधिक जिले हैं और यह एकल चरण में चुनाव होने जा रहा है, जबकि 2013 में पांच चरणों में चुनाव हुए थे।अदालत का आदेश भाजपा और कांग्रेस द्वारा दायर अवमानना याचिका के जवाब में था।
वोटों की गिनती 11 जुलाई को
8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों से पहले, राज्य के विभिन्न भागो में निरंतर झड़पें देखी गईं, जिसमें बीरभूम के अहमदपुर में ब्लॉक विकास कार्यालय में एक हिंसक घटना भी शामिल है, जहां कथित तौर पर कच्चे बम फेंके गए थे। इसके अलावा मालदा जिले में एक टीएमसी कार्यकर्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. चुनाव 8 जुलाई को एक ही चरण में होगा और वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।