पश्चिम बंगाल के इस सीमावर्ती जिले में लोगों का एक वर्ग 1947 में रेडक्लिफ की घोषणा के एक दिन बाद 18 अगस्त को ‘स्वतंत्रता दिवस’ समारोह आयोजित करता रहा है।
इन लोगों का मानना है कि उनके जिले का कुछ क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा बन जाता, लेकिन राजनीतिक और स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हुआ। ‘18 अगस्त समिति’ के अंजन सुकुल ने दावा किया, ‘‘नक्शे पर खींची गई एक गलत रेखा के कारण, नदिया जिले के कुछ हिस्से पूर्वी पाकिस्तान में चले गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘त्रुटि को सुधार लिया गया और ये क्षेत्र 18 अगस्त को भारत का हिस्सा बने।’’
हालांकि, इतिहासकारों का कहना है कि रेडक्लिफ की घोषणा 17 अगस्त, 1947 को की गई थी और नदिया जिला अपने वर्तमान स्वरूप में भारत का हिस्सा बन गया। सुकुल ने दावा किया कि अपने पूर्वजों से उन्हें इस बारे में जानकारी मिली थी और उनके पास तथ्य को साबित करने के लिए रिकॉर्ड भी थे। समिति वर्षों से 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाती आ रही है। दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और रैली निकाली गई।