पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा उत्सव को ‘इंटैन्जीबल कल्चरल हेरिटेज’(अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर) का दर्जा दिये जाने पर संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक,वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) को धन्यवाद देने के लिए बृहस्पतिवार को एक रैली में भाग लिया।
उत्तरी कोलकाता के जोरासांको क्षेत्र से शुरू हुई रैली में एक हजार से ज्यादा दुर्गा पूजा समितियों ने भाग लिया। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने रैली का नेतृत्व किया और उनके साथ पार्टी के नेता फिरहाद हाकिम, सुदीप बंद्योपाध्याय, अरूप बिस्वास और शशि पांजा भी थे।
रैली का समापन रेड रोड पर होगा। रैली को प्रारंभ करते हुए बनर्जी ने कहा, “दुर्गा पूजा को आईसीएच का दर्जा (टैग) देने के लिए मैं यूनेस्को को धन्यवाद देती हूं। हमारे त्योहार एक महीने पहले आज से ही शुरू हो गए हैं। मैं सभी से आग्रह करती हूं कि वे रैली में भाग लें और दुनियाभर से इस रैली को देखने वालों को धन्यवाद देती हूं।”
रैली से पहले बनर्जी ने दुर्गा पूजा को बंगालियों की भावना करार दिया, जो संकीर्ण विचारधारा से ऊपर उठकर लोगों में एकता की भावना का संचार करती है।
रेड रोड पर समापन कार्यक्रम के दौरान, बनर्जी मिट्टी से निर्मित देवी दुर्गा की प्रतिमाओं को यूनेस्को के प्रतिनिधियों को सौंपेंगी। रैली में कोलकाता के कम से कम 1200 दुर्गा पूजा समितियों के प्रतिनिधियों ने पारंपरिक बंगाली परिधान पहनकर भाग लिया।