मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बताया कि इम्फाल के केंद्रीय विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में पढ़ने वाले पश्चिम बंगाल के 18 छात्रों को राज्य सरकार के खर्च पर कोलकाता लाया गया।बनर्जी ने कहा, ‘‘छात्रों को विशेष उड़न से इम्फाल से कोलकाता के लिए रवाना किया गया है। ये सभी छात्र कृषि महाविद्यालय से बीएससी/ एमएससी/पीएचडी कर रहे थे। हमारे अधिकारियों ने कोलकाता हवाईअड्डे पर विशेष डेस्क पर सभी छात्रों का स्वागत किया और कोलकाता से उनके आवास तक पहुंचाने की व्यवस्था की है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मणिपुर में अन्य फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है। कहीं भी संकट में घिरे लोगों को हम पूरी एकजुटता से निकालने के लिए तत्पर है।’’
राजनीति और चुनाव के लिए इंतजार किया जा सकता है
इससे पहले बनर्जी ने गुरुवार मणिपुर की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह राजनीति करने का समय नहीं है। राजनीति और चुनाव के लिए इंतजार किया जा सकता है, लेकिन हमें अपने खूबसूरत मणिपुर राज्य को सुरक्षित बनाना होगा।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर की स्थिति पर नजरें बनाए रखने और वहां शांति बहाल करने का आग्रह किया।
Relieved to inform that, after receiving distress calls at the Nabanna Control Room, 18 Students of West Bengal studying at College of Agriculture, Central Agricultural University, Imphal have been specially evacuated by us at GOWB cost. They have been flown in to Kolkata by… pic.twitter.com/51UMy0402Q
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 8, 2023
अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के अपने भाइयों और बहनों से भी शांति और सछ्वाव बनाए रखने का आग्रह करती हूं। यदि हम आज मानवता को जलाएंगे तो कल हम इंसानियत को नहीं बचा पाएंगे।’’ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएमयूएम) द्वारा मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक विरोध रैली आयोजित करने के बाद मणिपुर जल रहा है, जिसने मणिपुर सरकार को मेतई को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।