महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करनेवाले विधायकों को विधानसभा और विधान भवन परिसर में मर्यादा बनाए रखने तथा संसदीय प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है। वह विधानसभा में सदस्यों के लिए आचार संहिता पर बोल रहे थे। विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने कहा कि सदन और विधान भवन परिसर में सदस्यों के लिए आदर्श आचार संहिता पर एक पुस्तिका उन्हें प्रदान की गई है।
बैठक के बाद लिया गया फैसला
जिरवाल ने कहा कि ईमेल के जरिए विधायकों को पुस्तिका भेज दी गई है और हार्ड कॉपी भी विधानभवन में उपलब्ध करा दी गई है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि विधायकों को पुस्तिका बांटने का फैसला सुबह उनके कक्ष में हुई दलों के नेताओं, सचेतकों और विपक्ष के नेता की बैठक के बाद लिया गया। शिवसेना विधायक और पार्टी सचेतक सुनील प्रभु द्वारा भेजे गए एक पत्र के संबंध में यह बैठक बुलाई गई थी।
हम जानवरों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं
पवार ने कहा कि राज्य की 12 करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व करनेवाले विधानसभा सदस्यों को शिष्टाचार और संसदीय प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समय बदल गया है, क्योंकि कार्यवाही के सीधे प्रसारण से लोगों को यह पता चल जाता है कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि सदन में क्या कर रहे हैं। पवार ने कहा, हम जानवरों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। दूसरों का मजाक बनाना और जानवरों की आवाज निकालना लोगों के विश्वास के साथ धोखा है।
ठाकरे के विधान भवन परिसर में प्रवेश करते ही ‘म्याऊ-म्याऊ’ कर बिल्ली की आवाज निकाली थी
उन्होंने यह बात जाहिर तौर पर पिछले हफ्ते हुई उस घटना के संदर्भ में कही जब भाजपा विधायक नितेश राणे ने राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे के विधान भवन परिसर में प्रवेश करते ही ‘म्याऊ-म्याऊ’ कर बिल्ली की आवाज निकाली थी। इसी तरह, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिवसेना सदस्य भास्कर जाधव पर पिछले सप्ताह सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था, जिसके लिए सत्तारूढ़ दल के विधायक ने बाद में माफी मांगी थी।
पवार ने कहा कि सदस्यों का आचरण सदन की गरिमा को दर्शाता है। नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने पवार का समर्थन किया। भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सदस्यों के अधिकारों और सम्मान की भी रक्षा की जानी चाहिए तथा अध्यक्ष को इसके बारे में कुछ करने की जरूरत है।