भारतीय नौसेना को मिला 'विग्रह' पोत, रक्षा मंत्री बोले-देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की असीम संभावना - Punjab Kesari
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भारतीय नौसेना को मिला ‘विग्रह’ पोत, रक्षा मंत्री बोले-देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की असीम संभावना

98 मीटर का ‘विग्रह’ पोत आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम (विजाग) में स्थित होगा और इसका संचालन 11 अधिकारियों

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय तटरक्षक बल के पोत विग्रह के कमीशनिंग इवेंट में हिस्‍सा लिया। पोत (आईसीजीएस) ‘विग्रह’ को आज नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। 98 मीटर का यह पोत आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम (विजाग) में स्थित होगा और इसका संचालन 11 अधिकारियों और 110 नाविकों की कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की ‘‘असीम संभावना’’ है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगले दो वर्षों में दुनियाभर में सुरक्षा पर खर्च दो लाख दस हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। ‘विग्रह’ सात अपतटीय गश्ती जहाजों में आखिरी जहाज है। उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर देशों का पूरे एक साल के लिए भी इस स्तर का बजट नहीं है। अगले पांच वर्षों में इसके कई गुना तक बढ़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में आज हमारे पास अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने, नीतियों का फायदा उठाने और देश को स्वदेशी जहाज निर्माण का हब बनाने की ओर बढ़ने की असीम संभावना है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इन संभावनाओं पर विचार करते हुए सरकार ने विश्व स्तर पर पहचान बनाने के लिए पहले ही ऐसी नीतियां बनायी है जो हमारे घरेलू उद्योग को मदद करती हैं चाहे वह सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र की संस्था हो।’’ आईसीजीएस विग्रह पर उन्होंने कहा, ‘‘इसके डिजाइन से लेकर विकास तक यह जलपोत पूरी तरह स्वदेशी है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा के इतिहास में पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के साथ एक या दो नहीं बल्कि सात जहाजों के लिए करार हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2015 में इस समझौते पर हस्ताक्षर के सात वर्षों के भीतर आज इन सभी सात जहाजों को शामिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है।’’ विग्रह को लार्सन एंड टूब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड ने बनाया है। यह उन्नत तकनीकी रडार, नौवहन और संचार उपकरणों, सेंसर से लैस है। 
आईसीजीएस विग्रह दोहरे इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर और चार तेज गति वाली नौकाओं का भार उठा सकता है। जहाज समुद्र में तेल बिखरने से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपकरण का भार भी उठा सकता है। यह जहाज 40/60 बोफोर्स गन से लैस है। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, तटरक्षक बल के महानिदेशक के. नटराजन और तमिलनाडु के उद्योग मंत्री थंगम थेन्नारासू ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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