उत्तराखंड सरकार ने Paper Leak को रोकने के लिए लागू किया नकल विरोधी कानून, Governor ने दी मंजूरी - Punjab Kesari
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उत्तराखंड सरकार ने Paper Leak को रोकने के लिए लागू किया नकल विरोधी कानून, Governor ने दी मंजूरी

प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक और भर्ती घोटालों को लेकर बेरोजगार युवाओं ने सरकार के

प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक और भर्ती घोटालों को लेकर बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। दसके बाद बीते 2 दिनों से पूरे प्रदेश के युवाओं ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज किया था। इसके बाद तमाम युवाओं में आक्रोश बढ़ गया था। शुक्रवार को युवाओं ने प्रदेश बंद का ऐलान किया था। इसके बाद देर रात प्रदेश के राज्यपाल ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून को लागू कर दिया।
 कानून पूरे प्रदेश में लागू
बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर विचार करने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाएगी। उधर, राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कल नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया।
12 फरवरी को होने जा रही पटवारी लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है।
अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं 
हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती। कहा गया कि आंदोलनकारी युवाओं की मांग थी कि पटवारी भर्ती का प्रश्नपत्र बदला जाए। आयोग पहले ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर नए प्रश्नपत्र तैयार कर चुका है। नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। इसलिए अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अब जितनी भी भर्ती परीक्षाएं होंगी, उन सभी में नया नकल विरोधी कानून लागू होगा। इस कानून में जुर्माने और सजा का बहुत कठोर प्रावधान किया गया है। पथराव व लाठीचार्ज की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल छात्र-छात्राओं के कंधे पर बंदूक रखकर अपना मकसद पूरा करना चाहते हैं। जो लोग छात्रों के बीच पहुंचकर हिंसात्मक माहौल बनाने की कोशिश की, प्रशासन उनकी पहचान करेगा।

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