उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हिमस्खलन (Avalanche) के 80 घंटे बीत जाने के बाद भी कई जिंदगियां बर्फ में दबी हुई हैं। अब तक द्रौपदी के डांडा-2 पर्वत चोटी से 19 शव बरामद किए जा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, अभी तक 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने शुक्रवार को ताजा अपडेट देते हुए बताया कि दरार से कुल 19 शव बरामद किए गए हैं। आज उन्नत हल्के हेलीकाप्टर से शवों को मतली हेलीपैड तक लाने का प्रयास किया जाएगा। कुल 30 बचाव दल तैनात हैं। लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर आए हिमस्खलन में करीब 56 ट्रैकर्स फंस गए थे। इनमें से अबतक 19 मौतों की पुष्टि हो चुकी।
4 अक्टूबर 2022 को DCR उत्तरकाशी द्वारा SDRF उत्तराखंड को सूचित किया गया कि जनपद उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) में प्रशिक्षार्थी वहां फंसे हुए है। रेस्क्यू एजेंसियों ने बताया कि उत्तरकाशी के डोकरानी बामक ग्लेशियर में हिमस्खलन हुआ है।
ट्रैकर्स को बचाने के लिए भारतीय सेना ने हज़ारों फीट की उंचाई पर आधुनिक ताकत के साथ हेलिकॉप्टर ग्राउंड भी तैयार किया गया, जिस पर गुरुवार को सेना ने बचाव के लिए पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से सफलता पूर्वक लैंडिग की गई। सेना ने अपने कई हेलिकॉप्टर को बचाव कार्य के लिए भेजा गया है। सेना के जवान ट्रैकर्स को बचाने के लिए जुटे हुए हैं।
खराब मौसम के कारण प्रभावित हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
गुरुवार को खराब मौसम के चलते सेना को रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। आईटीबीपी के जवान बरामद लाशों को बेस कैंप में लाकर सुरक्षित स्थान पर रख रही है। बर्फीली तूफान के कारण त्रासदी की जद में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए सेना के जवान युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ के साथ -साथ राज्य डीआरएफ, हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल और जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग के विशेषज्ञों की एक टीम कर रही। इनके साथ ही इंडियन व तिब्बत पुलिस भी राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।