राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे द्वारा NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन मिला हैं। लेकिन, अब शिवसेना प्रमुख के इस फैसले के बाद उनकी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस लगातार उद्धव ठाकरे के इस निर्णय की निंदा कर रही हैं। जिससे साफ़ पता चल रहा की कांग्रेस अपनी सहयोगी दल से काफी नाराज हो चुकी हैं।
दरअसल, शिवसेना के इस फैसले पर कांग्रेस के बड़े नेता बालासाहेब थोराट ने कटाक्ष करते हुए चिंता व्यक्त की हैं। उन्होंने एक ट्ववीट कर लिखा- , ‘राष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहा हमारा संघर्ष है। यह महिला बनाम पुरुष या आदिवासी बनाम गैर-आदिवासियों का सवाल नहीं है।”
सांसदों के मांग पर झुकी शिवसेना
वही कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में यह भी कहा की जो भी व्यक्ति संविधान की रक्षा करना चाहता हैं, वो हमारे साथ हैं। ऐसे में शिवसेना ने द्रौपदी मुर्मू का साथ क्यों दिया हैं, इसपर उसे अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। इसके साथ ही थोराट ने कांग्रेस और शिवसेना की एकजुटता पर भी सवाल उठाया हैं। उनका कहना था की शिवसेना ने उनकी पार्टी से एक बार भी इस बारे में बात नहीं की थी, जबकि दोनों सहयोगी दल हैं।
हम आपको बता दे, शिवसेना के फैसले पर लगातार लोगों की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही हैं। कहा जा रहा की पिछले दिनों मुंबई में शिवसेना विधायकों की बैठक हुई थी, जिसमे कई सांसदों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए कहा था, जिसके बाद कल संजय राउत द्वारा एलान किया गया की वो चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे।