पटना: इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। अभी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के रेप का मामले का शोर थमा नहीं है कि अब पटना के राजीव नगर इलाके में चल रहे आसरा गृह से दो महिलाओं की संदिग्ध मौत की खबर आ रही है। पुलिस ने इसकी पुष्टि की है।
आपको बता दें कि ये आसरा गृह कई कारणों से विवादों के केंद्र में रहा है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इसकी जांच भी कराई थी। शुक्रवार को हुई इस जांच में यहां कई ख़ामियां पाई गई थीं। आसरा गृह के निकट ही एक पड़ोसी के ऊपर बालिकाओं को भगाने का आरोप लगा था। जबकि शुक्रवार को ही चार बच्चियों को भगाने के आरोप में एक कर्मचारी की गिरफ़्तारी भी हुई थी। पुलिस ने सभी बच्चियों को सकुशल बरामद कर लिया था।
बताया जा रहा है कि जिन दो महिलाओं की मौत हुई है वे शुक्रवार शाम से बीमार थीं। उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया और मौत के बाद पोस्ट्मॉर्टम भी करा दिया गया। पटना पुलिस को न तो गृह को चलाने वाले लोगों ने खबर दी और न ही उन्हें कहीं से इसकी भनक लगी। दूसरी तरफ, पटना मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों महिलाओं को मृत अवस्था में ही हॉस्पिटल लाया गया था।
डॉ. राजीव रंजन प्रसाद के इस पुष्टि के बाद महिलाओं की मौत का राज गहरा गया है। आपको बता दें कि बीते दिनों ही मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों से रेप का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर पूरे देश से प्रतिक्रिया आई. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं। कल भी उन्होंने नीतीश कुमार पर मामले के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था और कहा था कि नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
दूसरी तरफ, इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को जेल भेजा गया तो वहां भी उसकी मदद जमकर की जा रही है। जेल में छापेमारी के दौरान ब्रजेश ठाकुर मुलाक़ातियों से मिलने वाले एरिया में आराम से टहलते पाया गया। इतना ही नहीं उसके पास से कई काग़जात जिसमें दो पन्नों में क़रीब चालीस लोगों के नाम और मोबाइल नंबर मिले। जिसके बाद कई सवाल खड़े हुए हैं।