कुपोषण मुक्त नैनीताल बनाने का प्रयास करें - Punjab Kesari
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कुपोषण मुक्त नैनीताल बनाने का प्रयास करें

रतूड़ी ने कहा कि जनपद में चिन्हित कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए

भीमताल : अपर मुख्य सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राधा रतूड़ी ने बाल विकास विभाग की अधिकारियों एवं स्वयं सहायता समूहों के साथ विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक की। श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि जनपद में चिन्हित कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।

उन्होंने जनपद को कुपोषण से मुक्त करने के लिए बाल विकास विभाग की अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कुपोषित बच्चों के परिवार में से किसी एक व्यक्ति को, विशेषकर बच्चें की माता को संक्रिय स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जायें ताकि उनकी आजीविका के संसाधनों एवं आर्थिकीय में वृद्धि हो और वह अपने बच्चों का पालन-पोषण सही से कर सकें।

उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़ने में कठिनाई उत्पन्न हो रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को मुख्यमंत्री सतत आजीविका मिशन से जोड़ा जाए। श्रीमती रतूड़ी ने जनपद को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए निचले स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों एवं ग्राम विकास अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि आवास विहीन परिवारों को भी प्राथमिकता से स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाये ताकि उन्हें भी बच्चों के पालन-पोषण में किसी प्रकार की कठिनाई न हो और बच्चे निरोग व स्वस्थ रह सके। उन्होंने कहा कि पुष्टाहार में स्थानीय पौष्टिक उत्पादों को प्राथमिकता दी जाये। उन्होंने किचन गार्डन पद्धति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बैल पर उगने वाली सब्जी की खेती खाली स्थानों पर करने को कहा।

बैठक में परियोजना निदेशक बालकृष्ण, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, बाल विकास परियोजना अधिकारी चम्पा कोठारी, कमला कोरंगा, रेनू यादव, स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि तारा मनराल, लक्ष्मी, नन्दी देवी, रेखा नेगी, भावना नेगी, कला देवी, भगवती देवी आदि उपस्थित थी।

आंगनबाड़ी केन्द्रों की खाली भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाएंः उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की खाली भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाये और उनकी रक्षा के लिए मनरेगा से सुरक्षा वालॅ एवं घेराबन्दी की जाये। श्रीमती रतूड़ी ने लिंगानुपात में अन्तर पाये जाने को गंभीरता से लेते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए चलायी जा रही योजनाओं का लाभ भी गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि बच्चे की माता स्वस्थ व निरोग होगी तो बच्चा भी स्वस्थ व निरोगी होने के साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधन क्षमता भी उच्च होने के कारण विभिन्न रोगो से बचाव होगा।

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