पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के लोगों के खिलाफ ‘आक्रामक रुख’ की घोषणा की है। तृणमूल पार्टी ने ट््वीट किया, ‘‘मनरेगा और आवास योजना के तहत हजारों करोड़ रुपये की धनराशि रोककर, दिल्ली में बैठे ‘बोहिरागोटो’ नेता 2021 में राज्य के ग्रामीण गरीबों की धनराशि उन्हें न देकर कर सजा दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु का बयान इस बात की पुष्टि करता है। हम हमेशा से जानते हैं भाजपा ने बंगाल के लोगों के खिलाफ आक्रामक रुख की घोषणा की है।
भाजपा ने अपरिहार्य हार को महसूस किया
पार्टी ने दोहराते हुए बताया कि आज, पंचायत चुनावों में भाजपा ने अपरिहार्य हार को महसूस किया है। अधिकारी ने सबसे कमजोर वर्गों को वंचित रखने के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता जताई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब इस बदले की भावना राजनीति के खिलाफ खड़ होने का समय आ गया है।’’ तृणमूल ने आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कर्मियों ने कूचबिहार के गीतलदाहा-द्वितीय में मतदाताओं को ‘धमकाने’ और पंचायत मतदान प्रक्रिया में ‘बाधा’ उत्पन्न करने का प्रयास भी किया।उन्होंने कहा, निरंकुशता का बेशर्म प्रदर्शन। बीएसएफ कर्मी कूचबिहार के गीतलदाहा-द्वितीय में मतदाताओं को धमका रहे है और मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया है।
बीएसएफ की भागीदारी अनावश्यक
पार्टी ने कहा कि पंचायत चुनावों में बीएसएफ की भागीदारी अनावश्यक और अनुचित है, फिर भी वे हमारे भोलेभाले लोगों को परेशान कर रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय बलों का एक भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। उन्होंने सवाल किया, ‘‘चुनाव के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के बड़-बड़ दावों का क्या हुआ।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘माकपा के गुंडों ने हमारे एक निर्दोष पार्टी कार्यकर्ता पर बेरहमी से हमला कर उसका सिर फोड़ दिया। कार्यकर्ता केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग रहे थे, जबकि केन्द्रीय बल कानून और व्यवस्था बनाए रखने में बुरी तरह विफल रहे हैं। वे शांतिपूर्ण मतदान की प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए रक्तपात का सहारा लेते हैं