उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता को धक्का लगा दिया हैं, जबकि राष्ट्रपति चुनाव में ममता बनर्जी खासी रूप से सक्रिय थी और यशवंत सिन्हा का नाम भी उन्होनें आगे किया था। लेकिन उन्होनें उपराष्ट्रपति चुनाव में सलाह ना लेने के चलते विपक्ष की उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को समर्थन नही देने का एलान किया हैं। टीएमसी सांसद और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बताया की टीएमसी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से दूर रहेगी। उन्होंने कहा कि एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का कोई प्रश्न ही नहीं है। ऐसे में टीएमसी को वोटिंग से दूरी बनाने का ही फैसला करना पड़ा।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए शरद पवार ने मांगा था ममता से समर्थन
शरद पवार ने टीएमसी से कहा था कि वह विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करें। इसपर टीएमसी की तरफ से कहा गया था कि संसदीय दल की बैठक के बाद 21 जुलाई को ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ममता की उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी, जगदीप धनखड़ की राह करेंगी आसान
राज्यसभा मे ममता बनर्जी की पार्टी के 13 सांसद हैं। जो मतों के हिसाब से काफी हैसियत रखते हैं, ममता बनर्जी के राष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाना जगदीप धनखड़ की राह और भी ज्यादा आसान बना सकते हैं। क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए जंहा सत्तापक्ष के पूर्ण बहुमत हैं वही ममता बनर्जी के सदस्य़ों के हिस्सा ना लेने के कारण जगदीप धनखड़ की जीत और भी सुनिश्चित हो जाएगाी।
धनखड़ ने भी की थी समर्थन की अपील
कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी और जगदीप धनखड़ के बीच मुलाकात हुई थी। सूत्रों का कहना हैकि धनखड़ ने भी उनसे समर्थन कीअपील की थी। राज्यपाल रहते हुए धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच की स्थिति सभी जानते हैं। हालांकि राजभवन छोड़ने से पहले जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी से अपील की थी कि वे उनकी फॉर्मैलिटी जल्दी पूरी करवा दें। इसपर ममता बनर्जी ने भी मदद का आश्वासन दिया था।
बताते चले की राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल रहे हैं। राज्यपाल रहने के दौरान जगदीप धनखड़ व ममता बनर्जी में छत्तीस का आंकडा बना रहा हैं, ममता बनर्जी ने कई बार तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर सवैंधानिक पद का दूरूपयोग करने का आरोप लगाया । एक समय में टीएसी के सांसदो ने पीएम मोदी से राज्यपाल धनखड़ को बंगाल से हटाने की मांग की थी। पार्टी सांसद ने सौगत रॉय ने कहा था की जगदीप धनखड़ राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं।