मणिपुर में हिंसा की आग थमने का नाम नहीं ले रही , एक चिंगारी इतनी आग पकड़ लेगी ये शायद ही किस ने सोचा होगा। एक विरोध प्रदर्शन का झगड़ा इतना विकराल रूप में आ गया की रोज हिंसक घटना सामने आ रही है। जिस पर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्षी दल केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है।विपक्षी दल मणिपुर के हालात का जायजा लेने भी जा रहे है। तृण मूल कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित लोगो से मिलने मणिपुर पंहुचा।
लोकसभा और राज्यसभा सांसद पहुंचे मणिपुर
प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा सांसद डोला सेन और सुष्मिता देव और लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार और कल्याण बनर्जी शामिल हैं। मणिपुर में करीब दो महीने से खासकर कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
गृह मंत्री ने मणिपुर के हालात पर सर्वदलीय बैठक की
गृह मंत्री अमित शाह ने शांति बहाल करने के तरीकों की तलाश में राज्य का दौरा करने के कुछ दिनों बाद उत्तर-पूर्व राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए पिछले महीने एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बीच, 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है। मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं 3 मई से निलंबित हैं जब राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी।