छत्तीसगढ़ : हाल ही मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में एक शख्स को नाले से गैस का इस्तेमाल कर चाय बनाने की तकनीक का जिक्र किया था। उनके इस बयान का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ाया गया। यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी के किस्से पर तंज कसा था। लेकिन, अब ये तय हो गया था कि मोदी का किस्सा झूठा नहीं था। छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले श्याम राव विर्के ने दावा किया है कि उन्होंने बायो-सीएनजी से बनने वाला एक मिनी कलेक्टर बनाया था, जो नालों की गैस का इस्तेमाल कर खाना पकाने के काम आ सकती है।
श्याम राव विर्के ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए ये दावे किए हैं। उन्होंने बताया, ‘मैंने नालियों से पानी इकट्ठा किया। पानी के बुलबुले इकट्ठा करने के लिए मिनी ‘कलेक्टर’ बनाया। गैस होल्डर के लिए मैंने एक ड्रम का इस्तेमाल किया। मैंने जब इसका परीक्षण किया तो यह काम करने लगा। इसे मैंने गैस स्टोव से जोड़ा और फिर चाय बनाई। फिर मैंने इसे उस घर में लगाया, जहां चार-पांच महीने के लिए खाना बनाया गया था। उन्होंने कहा- ‘नाला मीथेन गैसों और प्रदूषण को उत्सर्जित कर रहा है। इसी तरह के कुछ और ईंधन बनाने के लिए आगे जाकर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय हित में है। श्याम राव का दावा है कि उनके नाम पर इस मशीन का पेटेंट भी है।
श्याम राव का कहना है, ‘छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ ने इस इनोवेशन को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कुछ पैसे दिए थे। जब मैंने इसे नाले में लगाया तो तीन दिनों में काफी गैस इकट्ठा हो गई थी। लेकिन, इसी बीच म्युनिसिपैलिटी के लोगों ने मशीन को बेकार कहकर फेंक दिया। कुछ लोगों ने मुझे एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा। हालांकि, तब मैं बहुत दुखी था। इसलिए रिपोर्ट नहीं लिखवाई। उन्होंने बताया, ‘इस मशीन और नाली के गैस से खाना पकाने पर उन्होंने प्रपोजल भी लिखा था, जिसे वैज्ञानिकों को भेजा गया था। हालांकि, उस घटना को दो साल हो चुके हैं। अब तक कोई काम नहीं हुआ। श्याम राव का कहना है कि प्रपोजल पर कोई बात आगे नहीं बढ़ने पर वह भी इसे भूल गए थे। लेकिन, हाल में पता चला कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में उनके आविष्कार का जिक्र किया है।