उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की आजादी के 75 साल हो गए हैं लेकिन हमारे यहां अब भी ऐसे वकील हैं जो अमेरिका और ब्रिटेन की अदालतों के फैसलों का उदाहरण देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधि विश्वविद्यालयों में विदेशी संकाय सदस्यों (शिक्षकों) को लेकर भी ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, हमारे पास देश में पर्याप्त संख्या में प्रतिभाशाली विधि शिक्षक हैं।
कार्यक्रम में गोवा सीएम अरविंद सावंत रहे मौजूद
न्यायमूर्ति गवई बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। आयोजन गोवा के इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च में किया गया था। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति महेश सोनक के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मंच पर मौजूद थे।
मैं इस विचार का हिमायत एक अंतराष्ट्रीय लॉ स्कूल होना चाहिए -न्यायमूर्ति गवई
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘मैं इस विचार की हिमायत करूंगा कि हमारे यहां ऐसा लॉ स्कूल होना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय लॉ स्कूलों के स्तर का हो, लेकिन विदेशी संकाय सदस्यों के प्रति विशेष लगाव मेरी समझ से परे है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या भारत में प्रतिभाओं की कमी है? हमारे यहां डॉक्टर (भीम राव) आंबेडकर, महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, मोतीलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल जैसे कानूनविद रहे हैं। उन्होंने अपनी वकालत छोड़कर देश सेवा की।’’