दिल्ली में एमसीडी चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बीच लगातार राजनीतिक पार्टियां दम खम लगा रही हैं इसके साथ ही आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरु हो चुकी है। बता दें चुनाव आयोग ने दिल्ली में चार दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा की है। जिसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जोर-शोर से तैयारियों में लगी हुई हैं।एक तरफ बीजेपी सत्येंद्र जैन की वीडियो वायरल कर रही है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी बीजेपी पर मुद्दों से भटकाने का आरोप लगा रही है। वहीं इस बार तीनों पार्टियों की नजर उत्तराखंडी वोटर्स पर भी हैं। वो इसलिए क्योंकि चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि इस चुनाव में उत्तराखंडी मतदाता किसी भी पार्टी के लिए जीत-हार में तय कर सकते है।
दिल्ली में उत्तराखंडी वोटर्स की संख्या 14 लाख
बता दें दिल्ली में उत्तराखंडी वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। दिल्ली में डेढ़ करोड़ वोटर्स में से 12 से 14 लाख वोटर्स उत्तराखंड के हैं। इसी वजह से इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड मूल के 10 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इन वोटर्स को लुभाने के लिए उत्तराखंड से 48 बीजेपी नेता चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली आए हैं।
इन वार्डों पर उत्तराखंडी वोटर्स की संख्या ज्यादा
दिल्ली नगर निगम के 90-100 वार्डों में उत्तराखंडी वोटर्स हार जीत तय कर सकते है। दिल्ली के विनोद नगर, सोनिया विहार, करावल नगर, संगम विहार, बदरपुर, आर के पुरम, पालम, दिलशाद गार्डन और शाहदरा में उत्तराखंड के लोग काफी संख्या में रहते हैं। वहीं महावीर इन्क्लेव जैसे इलाकों में भी उत्तराखंड मूल के वोटरों की संख्या काफी अधिक है।हर चुनाव में सभी पार्टियां इन पर नजर बनाए हुए है।