कोट्टायम : केरल के नायर समुदाय ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर रविवार को माकपा नीत सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार नियोजित तरीके से लोगों पर नास्तिकता थोप रही है तथा सभी धार्मिक निकायों से अपने विश्वास की रक्षा करने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने की अपील की।
पिनराई विजयन सरकार पर बरसते हुए नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) ने आरोप लगाया कि सदियों पुरानी पंरपरा को तोड़ते हुए मासिक धर्म आयु समूह की दो महिलाओं के भगवान अय्यपा मंदिर में प्रवेश करने के बाद राज्य में भड़की हिंसा के लिए सरकार जिम्मेदार है।
एनएसएस के महासचिव जी सुकुमारन नायर ने रेखांकित किया कि मानव जाति के अस्तित्व के लिए किसी भी धार्मिक संप्रदाय के विश्वास की रक्षा करना आवश्यक है। उन्होंने एक बयान में कहा कि सबरीमला का मुद्दा सभी धर्मों और समुदायों से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी को भी विश्वास को तोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’ सुकुमारन नायर ने सभी भक्तों और धार्मिक संगठनों से आगे कर सरकार के कदम के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अनुरोध किया।
उन्होंने सरकार पर अनावश्यक तौर पर निषेधात्मक आदेश लागू करने, अयप्पा के भक्तों को जेल भेजने, राज्य में अराजकता पैदा करने, अपने मकसद को जायज़ ठहराने के लिए झूठ बोलने, हिन्दू आचार्यों को अपमानित करने तथा भक्तों को चुनौती देने और उनका मज़ाक बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तौर पर चुनी हुई सरकार से लोगों को यह अपेक्षा नहीं होती है। एनएसएस ने मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है।