अदालत ने ‘‘निरर्थक’’ याचिका दायर करने पर एक वकील पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया - Punjab Kesari
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अदालत ने ‘‘निरर्थक’’ याचिका दायर करने पर एक वकील पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

न्यायाधीशों ने जायसवाल को 50 हजार रुपये की राशि उच्च न्यायालय के कानूनी सहायता सेवा प्रकोष्ठ के खाते

बम्बई उच्च न्यायालय ने एक वकील पर ‘‘‘निरर्थक’’ याचिका दायर करने पर बृहस्पतिवार को 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को दिये गये भारत रत्न सम्मान को वापस लिये जाने का अनुरोध किया गया था। 
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने वकील जर्नादन जायसवाल द्वारा दायर इस याचिका को खारिज कर दिया। जायसवाल ने देसाई से भारत रत्न वापस लिये जाने के निर्देश सरकार को दिये जाने की मांग की थी। देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान उन्हें 1991 में दिया गया था। 
अदालत ने कहा, ‘‘यह अति निरर्थक याचिका है। हम इस पर कुछ भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। बार के सदस्यों से ऐसी याचिकाओं की अपेक्षा नहीं की जाती है।’’ न्यायाधीशों ने जायसवाल को 50 हजार रुपये की राशि उच्च न्यायालय के कानूनी सहायता सेवा प्रकोष्ठ के खाते में जमा कराने के निर्देश दिये है। 
याचिका में दावा किया गया था कि देसाई ने अपनी आत्मकथा में सरकार द्वारा भारत रत्न जैसे पुरस्कार देने के बारे में कुछ विवादास्पद बयान दिए थे। देसाई 1977 और 1979 के बीच देश के प्रधानमंत्री रहे थे। उनका निधन 1995 में हुआ था। 

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