झारखंड में चार साल पुराने माब लिंचिग मामले को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। दरअसल कोर्ट ने माब लिंचिग में हुई तबरेज अंसारी की मौत मामले में
सरायकेला कोर्ट फैसला सुनाते हुए सभी दस दोषियों को आईपीसी की धारा 304 के तहत 10 साल कैद की सजा सुनाई है। बता दे इस मामले में दीषी भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, महेश महाली को कस्टडी में ले लिया गया है।
18 जून 2019 को चोरी के शक में भीड़ ने पीटा था
पूरे मामले को लेकर बात करें तो 18 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के शक में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी। जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था। जहां से उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
इस मामले में पुलिस ने 13 लोगों को किया था गिरफ्तार
इसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने पर 21 जून को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अगले ही दिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी । तब पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। तबरेज की मौत के मुख्य आरोपी पप्पु मंडल समेत 12 आरोपी जमानत पर थे। पर कोर्ट के फैसले के बाद दस दोषियों को दस साल की सजा सुनाई गई है।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा मामले को दूसरे तरीेक से पेश किया गया
वहीं इस पूरे मामले को लेकर बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है। तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी। इसे दुष्प्रचारित किया गया है। राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा। तो इस तरीके से इस मामलो को बदलने का आरोप लगाया जा रहा है। कोर्ट ने इस मामलो को लेकर अपना फैसला सुना दिया है।