भोपाल (मनीष शर्मा) : खूबसूरत लड़कियों को भेजकर सरकार में पदस्थ मंत्रियों और अधिकारियों को लालच देकर ब्लैकमेल करने वाला हनी ट्रैप मामला फिर एक बार सुर्खियों में है, क्योंकि हनीट्रैप के आरोपों में शामिल आरोपियों को आज अदालत से राहत मिली है।
बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में 22 महीने से जेल में बंद आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और मोनिका यादव को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से जमानत मिल गई। कोर्ट ने कहा कि यह बात सही है कि आरोपियो ने अनैतिक और अपमानजनक कार्य किया है लेकिन उन्हें इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने यह भी माना कि वर्तमान परिस्थिति में प्रकरण की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना है। अभियोजन को 57 गवाहों के बयान कराना है। अभी तो आरोपितों पर आरोप तक तय नहीं हुए हैं। ऐसे में आरोपित महिलाओं को जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने आरोपियों से कहा है कि वे विचारण न्यायालय के समक्ष 50 हजार रुपये की जमानत और इतनी ही रकम का निजी मुचलका प्रस्तुत करें। कोर्ट ने हनी ट्रैप मामले के फरियादी और तत्कालीन इंजीनियर हरभजनसिंह पर तल्ख टिप्पणी की है। फैसले में कोर्ट ने कहा है कि उसने अपने पद और अधिकारों का जमकर दुरुपयोग किया और आरोपितों से अंतरंगता बनाई। बाद में जब चीजें उसके निंयत्रण से बाहर हो गई तो वह भेडिया की तरह रोने लगा।
उल्लेखनीय है कि हनी ट्रैप मामले में कई प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक लोगों की किरकिरी हुई है जब 2 साल पहले यह मामला सामने आया तो कांग्रेस मैं इसे बहुत बड़ा मुद्दा बनाया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तो इस मामले में शिवराज सरकार को धमकी भी दे चुके हैं कि उनके पास हनी ट्रैप की पेनड्राइव है जिसमें भाजपा के कई लोग शामिल है। इस मामले को लेकर पिछले दिनों प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया था।