कभी हिजाब को तो कभी बुर्का कपडो का पहनावा विवाद का विषय बन गए लेकिन परीक्षा केंद्र पर इस प्रकार की घटनाओ का सामने आना आम हो गया है। हैदराबाद के केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में उर्दू माध्यम की डिग्री परीक्षा देने वाली छात्राओं को कथित तौर पर परीक्षा देने से पहले अपना बुर्का उतारने के लिए कहा गया था। तेलंगाना गृह मंत्री घटना की निदा कर दोषियों पर करवाई का आश्वाशन दिया।
तेलंगाना गृह मंत्री ने घटना की निंदा
तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली ने घटना की निंदा की और आश्वासन दिया कि अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने महिलाओं को छोटे कपड़े पहनने से आगाह किया। महमूद अली ने कहा, हो सकता है कि कोई हेडमास्टर या प्रधानाध्यापक ऐसा कर रहे हों, लेकिन हमारी नीति पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है। लोग जो चाहें पहन सकते हैं।” उन्होंने कहा, “कहीं नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता। हम कार्रवाई करेंगे।उन्होंने कहा, ‘अगर आप यूरोपीय पोशाक पहनते हैं तो यह सही नहीं होगा। हमें अच्छे कपड़े पहनने चाहिए, खासकर महिलाओं को। उन्होंने कहा, “महिलाओं के लिए, अगर वे कम कपड़ों में हैं तो यह एक समस्या हो सकती है। अगर वे अधिक कपड़े पहनेंगी तो लोगों को शांति मिलेगी।
छात्राओं को करीब आधे घंटे तक परीक्षा में बैठने से रोका
परीक्षा देने आई एक महिला छात्रा ने कहा, “कॉलेज के अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले हमें बुर्का उतारने के लिए मजबूर किया। उन्होंने हमें बाहर बुर्का पहनने के लिए कहा। केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में परीक्षा देने वाली कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें बुर्का पहनकर आने से रोका। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा केंद्र पर कॉलेज के कर्मचारियों ने उनसे बुर्का हटाने को कहा।छात्राओं का आगे आरोप है कि इसी असमंजस में उन्हें करीब आधे घंटे तक परीक्षा में बैठने से रोका गया।वहीं, कुछ छात्राएं बुर्का उतार कर परीक्षा केंद्र पर चली गईं। इस घटना के बाद छात्राओं के अभिभावकों ने गृह मंत्री महमूद अली से इस मामले की शिकायत की