तेलंगाना विधानसभा में बजट सत्र सोमवार को परंपरागत राज्यपाल के अभिभाषण के बिना शुरू हुआ। विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण का समय निर्धारित नहीं करने के लिए सत्तारूढ़ टीआरएस पर निशाना साधा है। टीआरएस के अनुसार, राज्यपाल के अभिभाषण की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि बजट सत्र पिछले सत्र की निरंतरता है, जिसे समाप्त नहीं किया गया था।
वहीं राज्यपाल के कार्यालय के बयान में कहा गया है कि अगर विधानसभा का सत्र पांच महीने के बाद होता है, तो इसे नया सत्र माना जाएगा। बीजेपी भाजपा और कांग्रेस ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और आरोप लगाया है कि टीआरएस सरकार के प्रति ‘अपमानजनक रवैया’ दिखा रही है।
कांग्रेस नेता, पूर्व मंत्री और तेलंगाना विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता, मोहम्मद अली शब्बीर ने ट्वीट किया, “टीआरएस महिला दिवस को बड़े पैमाने पर मना रही है। लेकिन के चंद्रशेखर राव में महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र शुरू करने की दशकों पुरानी संसदीय परंपरा को समाप्त कर दिया।
सदन की बैठक के बाद पेश हुआ बजट
वित्त मंत्री टी हरीश राव ने सदन की बैठक के तुरंत बाद विधानसभा में 2022-23 का राज्य का बजट पेश किया। चालू वर्ष का बजट करीब 2.70 लाख करोड़ रुपये का होगा। जिसमें सरकार की प्रमुख योजनाओं- दलित बंधु और रायथु बंधु पर बड़ पैमाने पर खर्च किए जाने है। बजट सत्र की अवधि के बारे में निर्णय लेने के लिए जल्द ही विधानमंडल की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी।
BJP के तीन विधायकों को किया गया निलंबित
बजट सत्र के पहले दिन ही बीजेपी के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया गया। जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें टी राजा सिंह, एम रघुनंदन राव और इटेला राजेंदर शामिल हैं। उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव टीआरएस के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने पेश किया था। निलंबन के बाद तीनों विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं।
तेलंगाना विधानसभा में बजट सत्र शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने बजट सत्र के अंत तक तीनों सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। बीजेपी के तीन विधायक बजट और सत्तारूढ़ टीआरएस पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने बजट सत्र की शुरुआत में प्रथागत राज्यपाल के भाषण को निर्धारित नहीं करने का फैसला किया था।