तमिलनाडु की द्रविड़ मुन्रेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार के एक साल पूरा होने पर शनिवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रदेश के लोगों को कई योजनाओं का उपहार दिया। सीएम स्टालिन ने शनिवार को चेन्नई में एमटीसी की बस में यात्रा के दौरान लोगों से बातचीत की। स्टालिन ने इसके बाद विधानसभा में कई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने शहर के व्यस्त राधाकृष्णन सलाई मार्ग पर मार्ग संख्या 29 सी की बस में यात्रा की और सफर कर रहे लोगों से बातचीत करके उनके विचार जानने की कोशिश की।
विधानसभा में कई घोषणाएं कीं
स्टालिन ने विशेष रूप से महिला यात्रियों से बात की और उनके लिए बस में मुफ्त यात्रा सुविधा के बारे में जानकारी ली। स्टालिन ने द्रमुक सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर विधानसभा में कई घोषणाएं कीं, जिनमें सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए नाश्ता उपलब्ध कराने जैसी योजना शामिल है।
चुनावी घोषणापत्र में किया था ये वादा
गौरतलब है कि द्रमुक ने अप्रैल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में सत्ता में आने पर राज्य में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया था। स्टालिन ने इस अवसर पर मरीना में द्रमुक के संस्थापक सी एन अन्नादुरई और अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
छात्रों को मिल रहा है पौष्टिक खाना
मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा कि सरकारी स्कूलों के पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को सभी कार्य दिवसों में पौष्टिक नाश्ता उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने पिछले एक साल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। स्टालिन ने राज्य के विकास के द्रविड़ मॉडल की संकल्पना को दोहराते हुए कहा कि यह एक समावेशी मॉडल है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया
मुख्यमंत्री ने लोगों की चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए और अधिक शहरी चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करने की भी घोषणा की। स्टालिन ने विपक्ष में 10 साल रहने के बाद वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को चिरप्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक के खिलाफ निर्णायक जीत दिलाई थी। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत की। इससे पहले वह 2006-2011 की द्रमुक सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
स्टालिन और राज्यपाल आमने-सामने
बता दें कि इससे पहले सीएम स्टालिन और प्रदेश के राज्यपाल के बीच कई मौके पर ठनी है। जिनमें से एक है विधानसभा में पारित स्टालिन सरकार अब प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) का चयन कर सकती है। बता दें कि पहले यह अधिकार राज्यपाल के पास था। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने जब यह बिल पेश किया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।