तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के कारण राज्य में राजनीति गरमाई हुई। इस बीच राज्यपाल ने कैबिनेट मंत्री के बर्खास्तगी के आदेश पर फिलहाल स्टे लगा दिया। बालाजी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ईडी नकद के बदले नौकरी देने के आरोप में बालाजी से पूछताछ कर रही है।
राज्यपाल ने अगले आदेश तक स्थगित रखा
सूत्रों ने बताया कि बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के आदेश को राज्यपाल ने अगले आदेश तक स्थगित रखा है। इससे पहले नौकरी के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद राज्यपाल ने ही बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था।
राज्यपाल के फैसले को कानूनी रूप से चुनौती
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि राज्य सरकार राज्यपाल के फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देगी। राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है। मामला तूल पकड़ने पर राज्यपाल ने बर्खास्तगी के आदेश को फिलहाल टाल दिया है।
मंत्री सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक
बुधवार को चेन्नई सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एस अली ने मंत्री सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश दिया था। वर्तमान में, वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आइपीसी के तहत कुछ अन्य आपराधिक मामलों की जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही है।
मामले में राजनीति विश्लेषक का बयान
इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक दुरई करुणा ने कहा कि मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना या हटाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब चार-पांच दशकों में मैंने किसी राज्यपाल को मुख्यमंत्री की सिफारिश के बिना किसी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाने का मामला देखा या सुना नहीं है।