पूर्व वीएचपी नेता आरबीवीएस मणियन को बीआर अंबेडकर और दलितों पर उनकी कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके चेन्नई आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक 11 सितंबर को टी नगर भारतीय विद्या भवन में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम के दौरान आरबीवीएस मणियन ने दलितों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, इसके आधार पर मनियां को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत में पेश किया जाएगा।
कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
आईपीसी की धारा 153, 153A(1)(a), 505(1)(b), और 505(2) और धारा 3(1)(r), 3(1)(u) के तहत मामला दर्ज किया गया है. , और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(v), पुलिस ने कहा उनके ऊपर अलग-अलग धाराओं केस दर्ज किया गया है।
जानिए क्या दिया था संविधान को लेकर बयान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एक कार्यक्रम में पूर्व विहिप नेता ने कहा था कि भारतीय संविधान किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं बनाया गया, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास था। उन्होंने दावा किया कि संविधान को देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में 300 सदस्यों की टीम ने तैयार किया था। मणियन ने कहा कि कुछ पागल कह रहे हैं कि अंबेडकर ने ही संविधान बनाया और कहा कि इन लोगों ने अपनी बुद्धि गिरवी रख दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर वीसीके अध्यक्ष थिरुमावलवन की जाति से नहीं थे, उन्होंने कहा कि थिरुमावलवन चक्कलियार थे, जबकि अंबेडकर परियार थे। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर के बजाय राजेंद्र प्रसाद को संविधान बनाने का श्रेय दिया जाना चाहिए था। अंबेडकर केवल मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। मनियां ने आगे कहा कि अंबेडकर ने कभी नहीं कहा कि उन्होंने संविधान लिखा है। पूर्व विहिप नेता ने कहा, अंबेडकर ने बहसों, चर्चाओं और भाषणों का केवल सत्यापन किया था और उनका इसमें कोई योगदान नहीं था।