तमिलनाडु : बढ़ते कोरोना को लेकर डॉक्टरों ने की सरकार से मांग, अनावश्यक सभाओं पर लगाए रोक - Punjab Kesari
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तमिलनाडु : बढ़ते कोरोना को लेकर डॉक्टरों ने की सरकार से मांग, अनावश्यक सभाओं पर लगाए रोक

तमिलनाडु में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के मददेनजर वहां के डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार से सभी तरह

देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के मददेनजर वहां के डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार से सभी तरह की सभाओं पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही 13 से 18 जनवरी के बीच पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। तमिलनाडु में सोमवार को 13,990 ताजा मामले दर्ज किए, जिसमें कुल सक्रिय मामलों की संख्या 62,767 थी। राज्य में कुल मामलों में से, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेंगलपट्टू जिलों में राज्य के सभी नए मामलों का 67.5 प्रतिशत हिस्सा है। सर्विस डॉक्टर्स और पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एसडीपीजीए) ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। इसमें नियमित रूप से उचित तरीके से मास्क पहनना, शारीरिक दूरी सहित सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइजर का उपयोग करना शामिल है।
अनावश्यक सभाओं को रोकना होगा : डॉक्टर्स एसोसिएशन
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के उप निदेशक डॉ प्रभदीप कौर ने एक ट्वीट में कहा कि, चेन्नई और चेंगलपट्टू जिलों में परीक्षण पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है और इन जिलों में सभी सामाजिक समारोहों और गैर-जरूरी बैठकों पर रोक लगानी होगी। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर में पॉजिटिवि टेस्ट करने वाले 200 और स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ और मदुरै मेडिकल कॉलेज में 5 से अधिक हाउस सर्जनों के पॉजिटिवि होने के साथ, डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि अनावश्यक सभाओं को अभी रोकना होगा।
सामाजिक समारोह और गैर-जरूरी बैठकों के खिलाफ होनी चाहिए सख्त कार्रवाई 
एसडीजीपीए के राज्य पदाधिकारी और चेन्नई में सलाहकार चिकित्सक, डॉ कृष्णन उन्नी मेनन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, डॉक्टर असुरक्षित हैं और अगर सरकार सामाजिक समारोह और अन्य गैर-जरूरी बैठकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है, तो इसका मतलब होगा कि वायरस तेजी से फैलेगा। जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है। इससे राज्य की स्वास्थ्य संरचना टूट जाएगी और उसी अनुपात में बीमारी कई गुना बढ़ जाएगी। इसलिए कृपया अनावश्यक सामाजिक सभाओं और बैठकों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और घरों और सार्वजनिक स्थानों पर पार्टियों पर रोक लगाएं।

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