फंसे खनिकों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा SC - Punjab Kesari
Girl in a jacket

फंसे खनिकों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा SC

‘रैट होल’ (चूहे का बिल) कही जाने वाली यह खदान पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में पूरी तरह से

सुप्रीम कोर्ट मेघालय में अवैध कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने पर बुधवार को सहमत हो गया। कोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मामले को रखा गया था।

आदित्य एन प्रसाद की जनहित याचिका में खनन में बचाव अभियानों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए केंद्र एवं संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है। खनिक 13 दिसंबर को एक खदान में नजदीकी लैतिन नदी का पानी भर जाने के बाद से अंदर फंसे हैं।

‘रैट होल’ (चूहे का बिल) कही जाने वाली यह खदान पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में पूरी तरह से पेड़ों से ढकी एक पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है। ‘रैट होल’ खनन के तहत संकरी सुरंगें खोदी जाती हैं जो आमतौर पर तीन-चार फुट ऊंची होती हैं। खनिक इनमें घुसकर कोयला निकालते है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने मीडिया में आईं उन खबरों का गुरुवार को खंडन किया था जिनमें उसके हवाले से कहा गया था कि खदान के भीतर से आ रही दुर्गंध के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि वहां फंसे खनिकों की मौत हो चुकी है।

उसने कहा था कि यह दुर्गंध खदान में गंदे पानी की वजह से भी हो सकती है क्योंकि पंपिंग की प्रक्रिया 48 घंटे से अधिक समय तक रुकी रही थी। दुर्घटना में बचे एक जीवित ने शनिवार को बताया कि फंसे खनिकों के जीवित बाहर आने का कोई रास्ता नहीं है। खदान में फंसे कम से कम सात खनिकों के परिजन उनके जीवित निकलने की आस पहले ही छोड़ चुके हैं और उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि अंतिम संस्कार के लिए उनके शव बाहर निकाले जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।