उच्चतम न्यायालय का कांडला बंदरगाह पर जमीन की लीज रद्द करने की मांग वाली याचिका सुनने इनकार - Punjab Kesari
Girl in a jacket

उच्चतम न्यायालय का कांडला बंदरगाह पर जमीन की लीज रद्द करने की मांग वाली याचिका सुनने इनकार

उच्चतम न्यायालय ने कांडला बंदरगाह पर एक निजी कंपनी को दी गयी 50 एकड़ जमीन की लीज को

उच्चतम न्यायालय ने कांडला बंदरगाह पर एक निजी कंपनी को दी गयी 50 एकड़ जमीन की लीज को रद्द करने की मांग संबंधी एक अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने याचिकाकर्ता एनजीओ को गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।

शीर्ष अदालत ने सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) नामक एनजीओ की अपील खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल एक अक्टूबर को कहा था कि यह जनहित याचिका क्षेत्राधिकार के बाहर होने के कारण विचारयोग्य नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप के पक्ष में नही है, क्योंकि उसके विचार में याचिकाकर्ता को उपयुक्त क्षेत्राधिकार यानी गुजरात उच्च न्यायालय में जाने और वहां इस विषय को उठाने के लिए कहे जाने में कोई पूर्वाग्रह नजर नहीं है । ऐसे में याचिकाकर्ता की विशेष अनुमति याचिका रद्द की जाती है।

CBI के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा का सेवा से इस्तीफा, कहा – यह ‘सामूहिक आत्ममंथन’ का क्षण

शीर्ष अदालत ने एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण की यह दलील खारिज कर दी कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्षेत्रीय अधिकार के आधार पर गलत तरीके से याचिका खारिज कर दी।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘कैसे रिट याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में विचार किये जाने लायक है। बस इसलिए कि केंद्र सरकार दिल्ली में बैठती है, आप दिल्ली में जनहित याचिका नहीं दायर कर सकते। गुजरात उच्च न्यायालय जाइए।’’

एनजीओ ने आरोप लगाया था कि कांडला बंदरगाह न्यास (केपीटी), जो अब दीनदयाल बंदरगाह न्यास के नाम से जाना जाता है, ने उस स्थल पर फ्रेंड्स साल्ट वर्क्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज (एफएसडब्ल्यूएआई) कंपनी द्वारा विकसित ढांचों का अधिक दाम लगाया ताकि केवल इसी कंपनी को ठेका मिले। अतीत में केपीटी ने यह जमीन लीज पर दी थी।

एनजीओ ने दावा किया कि यदि एफएसडब्ल्यूएआई निविदा में सफल रही तो उसे 207 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करना होगा जबकि पिछले लीज समझौते के तहत केपीटी पर कंपनी की परिसंपत्तियों के वास्ते मुआवजे के लिए कोई अनुबंध संबंधी बाध्यता नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।