पार्टियों में आपसी कलह कोई नई बात नहीं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ पर गंभीर आरोप लगाना वाक्य ही सोचनीय है। कभी – कभी पार्टियों में किसी बात को इतना बढ़ा दिया जाता है की वो बात अखबारों की सुर्खिया बन जाती है। कांग्रेस पार्टी में एक महिला ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। जिसके लिए कांग्रेस युवा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए दरवाजा खटखटाया।
गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को असम राज्य को भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी की याचिका पर अपना हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया, जिसमें उनके खिलाफ दायर कथित उत्पीड़न मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने के गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। असम सरकार के वकील द्वारा हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के बाद जस्टिस बीआर गवई और जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
मानसिक पीड़ा पहुंचने का आरोप
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने श्रीनिवास को पार्टी की निष्कासित महिला सदस्य द्वारा कथित तौर पर मानसिक पीड़ा पहुंचाने के आरोप में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में अग्रिम जमानत दे दी थी। श्रीनिवास ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। 5 मई को, गौहाटी उच्च न्यायालय ने एक पूर्व सहयोगी और असम युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष द्वारा दर्ज मामले में श्रीनिवास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन पर मानसिक पीड़ा पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट ने भी एफआईआर रद्द करने से इनकार
अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि श्रीनिवास ने लगातार लैंगिक टिप्पणियों और अपशब्दों के जरिए उसे मानसिक रूप से परेशान किया। उनकी शिकायत पर, श्रीनिवास पर धारा 352 (हमला या आपराधिक बल), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) और 354A (1) (iv) (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज करने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।महिला ने दावा किया था कि रायपुर में पार्टी के हालिया पूर्ण सत्र के दौरान श्रीनिवास ने उसके साथ धक्का-मुक्की की, उसका हाथ पकड़ा, धक्का दिया और खींचा तथा अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी धमकी दी थी कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ शिकायत की तो पार्टी में उनका करियर बर्बाद हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ के अपराध की जांच असम में क्यों
श्रीनिवास ने कहा कि कथित अपराध छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था, जो दिसपुर पुलिस स्टेशन के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से परे था, जहां मामला दर्ज किया गया था और असम पुलिस के पास कथित तौर पर छत्तीसगढ़ में हुए अपराध की जांच या एफआईआर दर्ज करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था। कांग्रेस ने महिला को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और बाद में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उसे छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था।