देश में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से किसान डटे हुए हैं। वहीं अब महाराष्ट्र में शिवसेना ने इस आंदोलन के खत्म न होने और भारतीय जनता पार्टी की बेफिक्री के लिए महाराष्ट्र सरकार में अपनी ही सहयोगी पार्टी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि कांग्रेस में नेतृत्व की कमी है।
उन्होंने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि आंदोलन के प्रति सरकार की बेफिक्री के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह नहीं बल्कि देश का विरोधी दल जिम्मेदार है जो पूरी तरह से दिवालिएपन के हाशिए पर खड़ा है। इस संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि बीजेपी अकसर राहुल गांधी का मजाक उड़ाती है, लेकिन ऐसा करने की हिम्मत कहां से आती है, इसपर विचार करना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा है कि ‘दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन लगभग शुरू है। इस किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के सत्ताधीश बेफिक्र हैं। सरकार की इस बेफिक्री का कारण देश का बिखरा हुआ और कमजोर विरोधी दल है।
उन्होंने आगे लिखा कि फिलहाल, लोकतंत्र का जो अधोपतन शुरू है, उसके लिए भारतीय जनता पार्टी या मोदी-शाह की सरकार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि विरोधी दल सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। वर्तमान स्थिति में सरकार को दोष देने की बजाय विरोधियों को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। विरोधी दल के लिए एक सर्वमान्य नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इस मामले में देश का विरोधी दल पूरी तरह से दिवालिएपन के हाशिए पर खड़ा है।’